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अब 4 नहीं 2 साल में होगा फीफा विश्व कप का आयोजन, फीफा प्रमुख ने दिए संकेत

फीफा के 211 सदस्य महासंघों की आनलाइन बैठक के दौरान कहा कि इस खेल में यूरोप और दक्षिण अमेरिका का मैदान के अंदर और बाहर का दबदबा समाप्त करने की जरूरत है।

जेनेवा। यदि आने वाले समय में फीफा (FIFA) पुरुष और महिला विश्व कप (World Cup) का आयोजन हर दो साल में होने लगे, तो हैरत में मत पडिएगा। इसकी तैयारी लगभग हो चुकी है। बहुत जल्द इसकी घोषणा हो सकती है। फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो ने इसके संकेत दे दिए हैं।

असल में, फीफा विश्व फुटबॉल (Football) की सर्वोच्च संस्था है। फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो ने महासंघों की बैठक के दौरान आगामी वर्षों में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बड़े बदलावों के संकेत दिए हैं। कहा जा रहा है कि फीफा ने पुरुष और महिला विश्व कप का आयोजन हर चार साल के बजाय दो साल में करने के प्रस्ताव का अध्ययन करने पर सहमति जता दी है।

बता दें कि कुछ समय पहले ही सऊदी अरब ने हर दो साल में विश्व कप के आयोजन का प्रस्ताव रखा था। इस तरह का सुझाव इससे पूर्व 20 साल पहले फीफा (FIFA) के तत्कालीन अध्यक्ष सेप ब्लाटर ने रखा था लेकिन तब इसे गंभीरता से नहीं लिया गया था। इन्फेनटिनो और उनके साथियों ने इस सुझाव को फिर से जीवंत किया जो कि अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की वकालत करते रहे हैं। शुक्रवार को महिला और युवा प्रतियोगिताओं की समीक्षा करने पर सहमति जतायी गयी।

उस समय कहा गया कि प्रत्येक दो साल में विश्व कप का आयोजन करने से यूरोपीय फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था यूएफा की नेशन्स लीग प्रभावित होगी। इससे हर चार साल में होने वाली यूरोपीय चैंपियनशिप की व्यावसायिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। इन्फेनटिनो ने सुपर लीग जैसी नयी परियोजनाओं पर क्लबों के साथ बात करने का भी बचाव किया। इस लीग के कारण यूएफा में पिछले महीने कोहराम मच गया था और आखिर में यह योजना ठंडे बस्ते में डालनी पड़ी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, फीफा के 211 सदस्य महासंघों की आनलाइन बैठक के दौरान इन्फेनटिनो ने यह भी कहा कि इस खेल में यूरोप और दक्षिण अमेरिका का मैदान के अंदर और बाहर का दबदबा समाप्त करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि पैसे और खिलाड़ियों के कौशल का दबदबा है जो कि खेल के वैश्विक विकास के लिये सही नहीं है। हम इसे अनदेखा नहीं कर सकते हैं। हम दुनियाभर में समान अवसर नहीं देखते हैं।

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