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पीएम मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रवासी भारतीय योगदान की प्रशंसा की

The Prime Minister, Shri Narendra Modi delivering the inaugural address at the 16th Pravasi Bharatiya Divas Convention, via video conferencing, in New Delhi on January 09, 2021.

नई दिल्ली। बीते वर्ष ने पूरी दुनिया को एक साथ संकट में डाला। इससे उबरने के लिए पूरा विश्व एक साथ आया। जिसके वश में जो था, उसने वह काम किया। कोरोना से उबरने के लिए जंग आज भी जारी है। ऐसे में जब हम भारत खासकर सरकारी प्रयासों को देखते हैं, तो उसमें प्रवासी भारतीय की योगदान भी कम नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जैसे-जैसे आत्‍मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, इसमें प्रवासी भारतीयों की प्रमुख भूमिका है क्योंकि भारत के उत्पादों में उनके उपयोग से भारतीय उत्पादों के प्रति अधिक विश्वास पैदा होगा।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान संबंधित देशों के प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्राध्‍यक्षों से विचार-विमर्श के दौरान, उन्होंने हमेशा प्रवासी भारतीयों पर गर्व महसूस किया, जब उनके राष्‍ट्राध्‍यक्ष अपने देशों में चिकित्‍सकों, चिकित्‍सा-सहायकों और सामान्य नागरिकों के रूप में भारतीयों के योगदान की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई में प्रवासी भारतीय के योगदान को भी सराहा।

वाई2के संकट से निपटने में भारत की भूमिका और भारतीय फार्मा उद्योग द्वारा इस दिशा में की गई प्रगति का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की क्षमताओं से हमेशा मानवता को लाभ मिला है। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का शमन करने में भारत ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। उपनिवेशवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के नेतृत्‍व ने दुनिया को इन खतरों का सामना करने की शक्ति दी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के भोजन, फैशन, पारिवारिक और व्यावसायिक मूल्यों के प्रति दुनिया के विश्‍वास का अधिकांश श्रेय प्रवासी भारतीयों को जाता है। प्रवासी भारतीयों के आचरण ने भारतीय तरीके और मूल्यों के प्रति रुचि जगाई है और जिज्ञासा के रूप में जिस परंपरा का शुभारंभ हुआ वह सम्मेलन के रूप में सामने है।

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को महामारी के खिलाफ भारत की सक्षम प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्‍तर पर वायरस के खिलाफ इस तरह की लोकतांत्रिक एकता का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर या परीक्षण किट जैसी महत्वपूर्ण चीजों में निर्भरता के बावजूद, भारत ने न केवल आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी क्षमताओं को विकसित किया बल्कि कई वस्‍तुओं का निर्यात करना भी प्रारंभ कर दिया है। आज, भारत सबसे कम मृत्यु दर और सबसे तेजी से रिकवरी दर वाले देशों में शामिल है। दुनिया की फार्मेसी के रूप में, भारत विश्‍व की सहायता कर रहा है और भारत स्‍वदेश में विकसित दो टीकों के साथ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम को अपनाने के लिए तैयार है और पूरी दुनिया इसके लिए भारत की ओर देख रही है।

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