पीएम मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीतों को जंगल में छोड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहाँ की सरकार का भी धन्यवाद करता हूँ जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं। मुझे विश्वास है कि ये चीतें ना केवल प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराएंगे बल्कि हमारे मानवीय मूल्यों और परंपराओं से भी अवगत कराएंगे।

श्योपुर। भारत को आज से चीता मिल गया। करीब सात दशक बाद भारत के जंगलों में चीता को अब देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। पीएम ने कैमरा लेकर चीतों की तस्‍वीरें भी उतारीं। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ मौजूद रहे।

इससे पहले नामीबिया से इन चीतों को विशेष विमान से ग्वालियर लाया गया। भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर की मदद से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दशकों पहले जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मानवता के सामने ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब समय का चक्र हमें अतीत को सुधारकर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है।