नई दिल्ली। राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम अखिल भारतीय ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और केंद्रीय क़ानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा कि e-Courts Mission के तहत देश में virtual courts शुरू की जा रही हैं। Traffic violation जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली courts ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए courts में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है। किसी भी समाज के लिए Judicial system तक access जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी justice delivery भी है। इसमें एक अहम योगदान judicial infrastructure का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के judicial infrastructure को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की। ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके। ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं। यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है।
Addressing the inaugural session of First All India District Legal Services Authorities Meet. https://t.co/tdCOn6R9o1
— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2022
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है। ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं।