Home पॉलिटिक्स पुडुचेरी में सियासी नाटक का हुआ अंत, सीएम नारायणसामी ने दिया इस्तीफा

पुडुचेरी में सियासी नाटक का हुआ अंत, सीएम नारायणसामी ने दिया इस्तीफा

सदन में विश्वासमत में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पडा। इसके बाद पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मुलाकात की। इसी मुलाकात में सीएम ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।

पुडुचेरी। बीते सप्ताह भर से पुडुचेरी में चल रहा सियासी नाटक का सोमवार को एक तरह से अंत हुआ। पहले उपराज्यपाल किरण बेदी को हटना पडा, तो आज सदन में विश्वासमत में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पडा। इसके बाद पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मुलाकात की। इसी मुलाकात में सीएम ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के विधानसभा में विश्वास मत खोने के बाद सरकार गिरी। बता दें कि छह विधायकों के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। दो विधायकों ने रविवार को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद यहां सियासी संकट और गहरा गई। कांग्रेस पार्टी ने अपने एक विधायक को पिछले साल बाहर का रास्ता दिखा दिया था। 33 सदस्यीय विधानसभा में 30 निर्वाचित सीटें हैं और तीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नॉमिनेटेड सदस्य हैं। कांग्रेस के वर्तमान में नौ विधायक हैं। इनमें विधानसभा अध्यक्ष एसपी शिवकोलुंदी भी शामिल हैं।

असल में, आज पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने समर्थक विधायकों के साथ विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले विधानसभा में पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणसामी ने कहा, ”हमने द्रमुक और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। उसके बाद, हमने विभिन्न चुनावों का सामना किया। हमने सभी उपचुनाव जीते हैं। यह स्पष्ट है कि पुडुचेरी के लोग हम पर भरोसा करते हैं।” उन्होंने कहा तमिलनाडु और पुडुचेरी में हम दो भाषा प्रणाली का पालन करते हैं लेकिन भाजपा हिंदी को लागू करने के लिए जबरन कोशिश कर रही है। नारायणसामी ने कहा विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार रहना चाहिए। इस्तीफा देने वाले विधायक लोगों का सामना नहीं कर पाएंगे, क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी कहेंगे।

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने पूर्व उप राज्यपाल किरण बेदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बेदी और केंद्र सरकार ने विपक्ष के साथ टकराव किया और सरकार को गिराने की कोशिश की। जैसे ही हमारे विधायक एकजुट हुए, हम अंतिम 5 वर्ष निकालने में सफल रहे। केंद्र ने पुडुचेरी के लोगों के साथ विश्वासघात किया है।”

 

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