गोरखपुर। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौज़ूद थीं।
बता दें कि राष्ट्रपति अभी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोविड-19 की लड़ाई में विशेषकर दूसरी लहर में आयुष चिकित्सा पद्धतियों ने लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा उन्हें संक्रमण मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 2 दशकों में पूरे देश में आयुष चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि उन्हें ऐसी शिक्षा चाहिए, जिससे चरित्र बने, मानसिक बल बढ़े, बुद्धि का विकास हो और जिससे मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
LIVE: President Kovind inaugurates the Mahayogi Gorakhnath Vishwavidyalaya at Gorakhpur. https://t.co/zY5STJtmGY
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 28, 2021
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के शिलान्यास के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे खुशी है कि यह विश्वविद्यालय अपने पहले सत्र में ही आयुर्वेद और पैरामेडिकल के अनेक पाठ्यक्रमों को नए सत्र में शुरू करने जा रहा है। पिछले डेढ़ साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है। इस दौरान दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं होगा जिसने इस महामारी से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत की चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण न किया हो।
हम सूर्य और चंद्र की भांति लोक-कल्याण के पथ के अनुगामी बनें। इस भाव को आत्मसात कर 'महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद' और 'महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय' लोक-कल्याण हेतु स्वयं को समर्पित करते हुए कार्य कर रहे हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 28, 2021