Home राष्ट्रीय राष्ट्रपति ने कहा, लोकतंत्र में जनता की इच्छा ही सर्वोपरि

राष्ट्रपति ने कहा, लोकतंत्र में जनता की इच्छा ही सर्वोपरि

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता, बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने मतदान के अधिकार को सर्वोपरि माना। इसलिए, यह हम सभी की, विशेषकर हमारे युवाओं की, जिन्हें पहली बार मतदान करने का अधिकार मिला है, जिम्मेदारी है कि अपने मताधिकार का प्रयोग पूरी ईमानदारी के साथ करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

नई दिल्ली। 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में गणतांत्रिक प्रणाली का समृद्ध इतिहास रहा है। वैशाली, कपिलवस्तु, मिथिला की परंपरा से भारत ने सीखा है कि शासन पर, समाज के किसी एक वर्ग या वंश का एकाधिकार नहीं होता। लोकतंत्र में जनता की इच्छा ही सर्वोपरि होती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर वे याद दिलाना चाहते हैं कि हमें वोट देने के अपने बहुमूल्य अधिकार का हमेशा सम्मान करना चाहिए। वोट देने का अधिकार साधारण अधिकार नहीं हैय दुनिया भर के लोगों ने इसके लिए बहुत संघर्ष किया है। स्वतंत्रता के बाद, हमारे संविधान ने योग्यता, धर्म, नस्ल, जाति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान मतदान अधिकार दिए हैं। इसके लिए हम अपने संविधान-निर्माताओं के ऋणी हैं।

भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस(25 जनवरी 1950) पर 2011 से हर साल 25 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का मुख्य उद्देश्य विशेषकर नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा देना और मतदाता सूची में अधिकतम नामांकन करना है। देश के मतदाताओं को समर्पितइस दिवस का उपयोग मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने और चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता, बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने मतदान के अधिकार को सर्वोपरि माना। इसलिए, यह हम सभी की, विशेषकर हमारे युवाओं की, जिन्हें पहली बार मतदान करने का अधिकार मिला है, जिम्मेदारी है कि अपने मताधिकार का प्रयोग पूरी ईमानदारी के साथ करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

पिछले साल कोविड -19 महामारी के दौरान बिहार, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में सफल और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की असाधारण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि चुनाव आयोग ने सहज, समावेशी और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए कई अभिनव और समयबद्ध उपाय किए हैं।

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