राजीव गांधी का नाम हटा, कांग्रेसी हुए केंद्र सरकार पर हमलावर

जब नाम ही बदलना है, तो प्रधानमंत्री अब जनता की मन की बात सुनते हुए, इसी मापदंड पर 2 और निर्णय लें, नरेन्द्र मोदी स्टेडियम का नाम ‘नवाब पटौदी’ और अरुण जेटली स्टेडियम का नाम ‘कीर्ति आज़ाद’ अथवा कपिलदेव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर या महेंद्र सिंह धोनी के नाम स्टेडियम रख कर दिखा दें।

नई दिल्ली। खेल रत्न पुरस्कार से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया है। केंद्र सरकार ने इसे अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार का नाम दिया है। इसके बाद कांग्रेस के कई नेता केंद्र सरकार पर राजनीति और द्वेष बरतने का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का कहना है कि मुझे आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम किया गया था तो हमें तो उम्मीद थी कि वे इसका नाम भी नरेंद्र मोदी के नाम से करेंगे।
कांग्रेस के केंद्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राजीव गांधी जी इस देश के नायक थे, हैं और रहेंगे। राजीव गांधी जी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं। हॉकी के जादूगर,खेल के पुरोधा मेजर ध्यानचंद जी के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है। मेजर ध्यानचंद का नाम अगर BJP व PM मोदी जी अपने छोटे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ना घसीटते तो अच्छा था, पर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने का हम स्वागत करते है।
वहीं, खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किए जाने पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि वे राजीव गांधी का नाम पोंछने का काम अगर कर रहे हैं। द्वेष की राजनीति करने वालों को उनकी जगह दिखाने का मन युवा बना लिए हैं। गांधी परिवार का विरोध करने वालों का देश में स्थान नहीं रहता।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ी नाराजगी जतायी है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को राजनीतिक विवाद का मसला बनाये जाने के प्रयास की निन्दा की है। कहा कि प्रधानमंत्री की यह कार्रवाई ओछी मानसिकता को दर्शाता है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि मेजर ध्यानचंद देश के प्रसिद्ध और निर्विवाद खिलाड़ी रहे हैं। उनके नाम पर किसी खेल पुरस्कार की घोषणा से पार्टी को कोई एतराज नहीं है, लेकिन जिस तरह से वर्षों से दिये जा रहे एक खेल पुरस्कार का नाम बदलने की कोशिश की गयी है, वह अपने आप में दुःखद है। आलोक दूबे ने कहा ध्यानचंद के नाम पर बड़े पुरस्कार की शुरुआत कर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा सकता था,खुद तो कुछ कर नहीं सकते बस दूसरे के कामों का नाम बदलकर वाहवाही लूटना इनकी फितरत में शामिल है।