Home पॉलिटिक्स किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है, अभी नहीं खत्म करेंगे आंदोलन

किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है, अभी नहीं खत्म करेंगे आंदोलन

जब तक तीनों कृषि क़ानून संसद में वापस नहीं होते हैं तब तक किसान वहीं पर है। यह किसानों की जीत है। इस जीत का श्रेय उन 700 किसानों को जाता है, जिनकी एक साल के अंदर मृत्यु हुई।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश के नाम संबोधन में तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों को खत्म करने की बात कर दी गई है। संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कार्यवाही होगी। लेकिन, दिल्ली उत्तर प्रदेश की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता अभी भी धरना खत्म करने के मूड में नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत संसद की कार्यवाही और वहां से आदेश निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
यद्यपि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि संसद में विवादास्पद कानूनों को निरस्त करने के बाद ही, वे चल रहे कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन वापस लेंगे। टिकैत ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और दूसरे मुद्दों पर भी किसानों से बात करनी चाहिए। टिकैत ने ट्वीट किया, ‘‘ आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा । सरकार, एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे।’’
कृषि क़ानून रद्द होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह संसद में जाएं और जो भी कार्यवाही है (कृषि क़ानून वापस लेने की) उसको पूरा करें। आज संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक है, उसमें सारी चीज़ें तय होगीं। हमारी एक कमेटी बनेगी जो अलग-अलग मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और कहा कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़े मुद्दों पर एक समिति बनाने की भी घोषणा की।
वहीं, किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है। मैं किसानों को बधाई देता हूं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। एक दो-दिन में हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फ़ैसला लेंगे।

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