Home राष्ट्रीय Ramzan : नहीं दिखा रमजनुल मुबारक का चांद, माह-ए-रमजान 14 से

Ramzan : नहीं दिखा रमजनुल मुबारक का चांद, माह-ए-रमजान 14 से

रमजान के पाक महीने में सभी देश व समाज से कोरोना की मुक्ति के लिए घर में ही दुआ करें। इफ्तारी की रकम से गरीबों को मजलूमों को भोजन कराएं। शारीरिक दूरी को कायम रखने के लिए सभी लोग घरों में नमाज अदा करें।

लखनउ। मरकजी चांद कमेटियों ने सोमवार की देर शाम रमजनुल मुबारक का चांद (Chand) न दिखने का एलान किया। इसके साथ ही 14 अप्रैल से पहला रोजा शुरू होने और माह-ए-रमजान (Ramzan) में तिलावत की घोषणा की। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की ओर से पहली बार दो पारे की तिलावत ऑनलाइन करने का निर्णय लिया गया। मौलाना ने कहा कि सोमवार को रमजनुल मुबारक का चांद नहीं दिखा। 14 अप्रैल से रमजानपाक महीने की शुरुआत होगी।

कोरोना संक्रमण के चलते हर दिन रात्रि आठ बजे से नौ बजे तक इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के फेसबुक एकाउंट पर दो पारों की तिलावत का लाइव प्रसारण किया जाएगा। रोजेदार घर में रहकर शारीरिक दूरी बनाते हुए अनलाइन कुरआन पाक के दो पारे सुने और इसके बाद 20 रकआत तरावीह अदा करें।

मौलाना ने कहा कि रमजान (Ramzan) के पाक महीने में सभी देश व समाज से कोरोना (Covid19) की मुक्ति के लिए घर में ही दुआ करें। इफ्तारी की रकम से गरीबों को मजलूमों को भोजन कराएं। शारीरिक दूरी को कायम रखने के लिए सभी लोग घरों में नमाज अदा करें।

मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने भी चांद (Chand) ने भी चांद न दिखने का एलान किया है। वहीं माह-ए-रमजान के चांद से पहले ईद का एलान करने वाले शिया धर्मगुरु मौलाना कब्ले सादिक के स्थान पर शनिवार को ही उनके बेटे कल्बे सिब्तैन नूरी ने परंपरा का निर्वहन कर दिवंगत पिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 14 अप्रैल को पहला रोजा होने और 14 मई को ईद का एलान कर दिया था।

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