Sankashti Chaturthi 2022: जानिए क्यों रखा जाता है कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टि चतुर्थी का उपवास, जानिए इसका महत्त्व

अश्विन महीने में संकष्टि चतुर्थी का उपवास रखकर विघ्नहर्ता की आराधना करने से सुख-समृद्धि का घर मे वास होता है और मनवांछित फल प्राप्त होता है।

अश्विन मास की शुरुआत हो गई है। हर महीने की तरह अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टि चतुर्थी का उपवास रखा जाता है। इस वर्ष 13 सितम्बर 2022 को अश्विन विघ्नराज संकष्टि चतुर्थी है तथा यह उपवास गणपति जी के लिए रखा जाता है। भगवान गणेश बुद्धि के देवता है और शुभता का प्रतिक है। इस पूजन से बुद्धि में बढ़ोतरी होती है, जो इस दिन उपवास रखता है और सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की अर्चना करता हैं तो विघ्नहर्ता उनके सारे विघ्न को दूर कर देते हैं। संकष्टि चतुर्थी पर इस बार बहुत अच्छा संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं अश्विन संकष्टि चतुर्थी का मुहूर्त, योग और इसके महत्व।

अश्विन कृष्ण संकष्टि चतुर्थी 13 सितंबर 2022, सुबह 10 बजकर 37 मिनट से शुरू हुआ था और अश्विन कृष्ण संकष्टि चतुर्थी 14 सितंबर 2022, सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।

चंद्र उदय का समय – रात 08 बजकर 35 मिनट हिंदू पंचांग संकष्टि चतुर्थी चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है। चंद्रदोय समय के अनुसार संकष्टि चतुर्थी का व्रत 13 सितंबर को ही रखा जाएगा।

अश्विन महीने में संकष्टि चतुर्थी का उपवास रखकर विघ्नहर्ता की आराधना करने से सुख-समृद्धि का घर मे वास होता है और मनवांछित फल प्राप्त होता है। बता दें कि गणेश भगवान गणेश शुभता का प्रतीक है। इनकी पूजा से सभी शुभ कार्य पूरे हो जाते है। चतुर्थी व्रत के प्रभाव से हर बाधा दूर हो जाती है तथा समस्त संकट टल जाते हैं।