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एकनाथ शिंदे के सियासी दांव में पिछड़ते जा रहे हैं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ?

गुवाहाटी में महाराष्ट्र के बागी शिवसेना विधायकों ने सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना। दूसरी ओर, शिवसेना के नवनियुक्त विधायक दल के नेता अजय चौधरी ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए।

मुंबई। जिस प्रकार की राजनीतिक परिदृश्य बदलता जा रहा है, उससे इतना तय है कि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। एकनाथ शिंदे ने अपने साथ शिवसेना के दो तिहाई से अधिक विधायकों के होने की बात कही। उनके समर्थक 42 विधायक गुवाहाटी में सुरक्षित स्थान पर हैं। दूसरी ओर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के साथ देने का भरोसा करते हुए किसी भी स्तर पर संघर्ष करने की बात कही है। इससे भी राज्य की सियासी मिजाज का अंदाजा लग रहा है।

असल में, एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र शिवसेना विधायक दादाजी भुसे, विधायक संजय राठौड़ और एमएलसी रवींद्र फाटक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में मौजूद हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 37 से ज्यादा विधायक मौजूद हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र से शिवसेना के कुछ और विधायक गुवाहाटी होटल पहुंचे, जहां पार्टी के एकनाथ शिंदे और अन्य विधायक ठहरे हुए हैं। बता दें कि शिवसेना के पास कुल 55 विधायक हैं ऐसे में एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई विधायक यानि 37 होने चाहिए तभी उनके खिलाफ दल बदल का कानून लागू नहीं होगा। रिपोर्ट की मानें तो शिंदे के साथ गुवाहाटी में कुल 42 विधायक हैं, जिसमे शिवसेना के 34 और निर्दलीय 8 विधायक उनके साथ हैं।

गौर करने योग्य यह भी है कि बुधवार की गई उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव से अपने विधायकों से भावुक अपील की और मुख्यमंत्री आवास तक खाली कर दिया। लेकिन ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे की इस अपील का उनके विधायकों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है। एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

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