Home क्राइम जीएसटी के नाम पर इतनी नकदी, क्या है कानपुर रेड की कहानी

जीएसटी के नाम पर इतनी नकदी, क्या है कानपुर रेड की कहानी

यूं तो इनकम टैक्स की छापेमारी चलती रहती है। लेकिन जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर कार्रवाई हो रही है, उससे इसके सियासी कनेक्शन भी जोड़े जा रहे हैं। पीयूष जैन के घर करोड़ों की नगदी मिली है, जिसकी गिनती मशीन से हो रही है।

नई दिल्ली। कानपुर में हुई जीएसटी की रेड में प्रचंड नक़दी मिली है। तस्वीर देखिए। कैश की गिनती के लिए नोट गिनने वाली कई मशीनें लगायी गई हैं। माना जा रहा है कि डेढ़ सौ करोड़ से ज़्यादा की नक़दी मिलेगी। इत्र निर्माता पीयूष जैन के परिसरों पर आयकर विभाग की छापेमारी में इतनी नकदी का पता चला है कि एक दिन बाद भी अधिकारी नोटों की गिनती कर रहे हैं। I-T छापे उत्तर प्रदेश के कानपुर में, मुंबई और गुजरात की तरह ही इत्र व्यापारी के आवास, कारखाने, कार्यालय, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप पर किए जा रहे हैं।
बता दें कि इनकम टैक्स की टीमें अभी भी पीयूष जैन के आवास पर पर नोटों की गिनती कर रही है। इस छापेमारी में इनकम टैक्स की टीम को कुल 160 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति मिली है। 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश मिला है, इसके साथ ही बिजनेस से जुड़े दस्तावेजों को भी इनकम टैक्स के अधिकारियों ने जब्त कर लिया है। समाजवादी इत्र बनाने वाले कारोबारी के यहां इनकम टैक्स की ये कार्रवाई कानपुर, कन्नौज और मुंबई के 6 ठिकानों पर की गई।

एक तबका ऐसा भी है जो कह रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले जानबूझकर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर इस प्रकार का छापा मारा जा रहा है। कुछ दिन पहले ही सपा सचिव राजीव राय के घर छापा मारा गया था और अब पीयूष जैन के ठिकानों पर। बता दें कि कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारी पीयूष जैन का समाजवादी पार्टी से खास कनेक्शन है। उनकी कंपनी ने पिछले महीने समाजवादी इत्र को बनाया था जिसकी बकायदा अखिलेश यादव ने 9 नवंबर को लॉन्चिंग की थी। पीयूष जैन समाजवादी पार्टी के MLC पम्मी जैन के करीबी भी हैं।

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