सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कहा कि जो लोग नियमित रूप से आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, उनके टीकाकरण की ज़िम्मेदारी भी उन्हीं लोगों की होगी और अगर वे जानवर लोगों पर हमला करते हैं तो उन्हें ईलाज का खर्च भी उठाना पड़ेगा। वहीं कोर्ट ने आवारा कुत्तों के खतरे का समाधान खोजने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बता दें कि न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी केरल में आवारा कुत्तों के खतरे से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान खन्ना ने कहा कि जो लोग आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं वे संभवतः कुत्ते पर एक नंबर लगाकर रख सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा “यदि किसी व्यक्ति पर हमला होता है तो वे उन्हें टीका लगाने और लागत वहन करने के लिए जिम्मेदार होंगे।“
पीठ ने जोर देकर कहा कि आवारा कुत्तों के खतरे का समाधान खोजना जरूरी है और आवारा कुत्तों को खिलाने वाले लोगों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है और साथ ही निर्दोष लोगों को आवारा कुत्तों के हमले से बचाने की भी आवश्यक्ता है।
सारी दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 28 सितंबर तक टाल दी है और एनिमल राइट्स ग्रुप्स को हस्तक्षेप करने की अनुमति दी है।