Bulldozer Action In UP :सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से बुलडोजर एक्शन को लेकर तीन दिन में मांगा जवाब, कहा कार्रवाई कानून के अनुसार हो

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। जहां सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने दलील दी। वहीं सरकारी पक्ष की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस कार्रवाई को सही ठहराया है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह कानून के अनुसार ही विध्वंस गतिविधियों को अंजाम दे। वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को यह सिद्ध करने के लिए तीन दिन का समय भी दिया है कि हाल ही में अपनाई गई विध्वंस की प्रक्रिया कानूनों के अनुसार सही थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस एएस बोपन्ना और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा “कार्रवाई केवल कानून के अनुसार होगी,”।

बता दें कि यह पीठ जमीयत उलमा-ए-हिंद के एक आवेदन पर विचार कर रही थी, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी कि राज्य में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई और विध्वंस न किया जाए। वहीं दिल्ली के जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान के खिलाफ भी इसकी पिछली याचिका में आवेदन दायर किए गए थे। जहां कोर्ट ने 21 अप्रैल को दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा शुरू किए गए विध्वंस अभियान के खिलाफ नोटिस जारी किया था और यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।

सरकारी पक्ष ने कहा ‘किसी ख़ास समुदाय को टारगेट नहीं कर रहे‘

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहांगीरपुरी विध्वंस मामले में किसी भी प्रभावित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की। वहीं उन्होंने कहा कि यूपी सरकार की ओर से पहले ही नोटिस दे दिया गया था और किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार किसी भी खास समुदाय को टारगेट नहीं कर रही है।