उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, सूर्याधार झील से विकास को मिलेगी गति

हमारी सरकार ने प्रदेश में पानी की समस्या के समाधान के उद्देश्य से जलाशय और झील निर्माण पर बल दिया है। सूर्यधार जलाशय प्रदेश के विकास में एक नया मील का पत्थर साबित होगा। यह बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कही। मुख्यमंत्री देहरादून के निकट डोईवाला में करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बनी सूर्याधार झील का लोकार्पण कर रहे थे। लगभग 50.25 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस झील की धारण क्षमता 77 हजार घन मीटर है। यह झील 550 मीटर लम्बी, 28 मीटर चैड़ी और 10 मीटर गहरी है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 18-20 गांवों की पेयजल और सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के अलावा यह झील क्षेत्र में पानी के स्रोतों को भी रिचार्ज करेगी। साथ ही साथ एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) बनाएगी, जो प्रवासी पक्षियों को भी आकर्षित करेगा।

मुख्यमंत्री रावत ने उम्मीद जताई कि इससे राज्य के विकास को एक नया आयाम मिलेगा। क्षेत्रीय लोगों को लाभ मिलेगा। क्षेत्र के किसान 12 महीने झील से पानी लेकर अपने खेतों में सिंचाई कर सकेंगे। हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के बीच स्थित सूर्याधार प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और इसलिए आने वाले दिनों में यह एक बड़े पर्यटन और जलक्रीड़ा केंद्र के रूप में उभारा जाएगा।

बता दें कि उत्तराखंड सरकार की योजना अगले साल मकर संक्रांति या बसंत पंचमी पर झील में जलक्रीड़ा महोत्सव आयोजित करने की है। इसके विकास एजेंडे में अगले स्थान पर सौंग और जामरानी बांधों को बनाना है। उन्होंने कहा कि इनके बनने से वर्तमान में बिजली को खरीदने पर होने वाले 100 करोड़ रुपये के खर्च की बचत होगी। उन्होंने रिस्पना और बिंदाल जैसी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया।