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दिल्ली में हजार से कम आए नए मामले, अभी हैं 22,701 रेड जोन

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 956 नए मामले दर्ज़ किए गए। इसी अवधि में 2380 लोग रिकवर हुए हैं। 122 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रीय राजधानी में कुल 22,701 निषिद्ध क्षेत्र हैं, जिनमें से मध्य दिल्ली में सबसे अधिक 6,523 रेड जोन हैं।

नई दिल्ली। कोरोना (COVID19) संक्रमण राजधानी दिल्ली में कम होता जा रहा है। बीते कुछ दिनों से संक्रमण के नए मामले रोज कम आ रहे हैं। शनिवार को यह एक हजार से कम आया। दिल्ली में लगातार चैथे दिन संक्रमण के मामले 1500 से कम रहे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर खुशी तो जताई है, लेकिन अभी भी कहा है कि लोग स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करते रहें।

दिल्ली सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 27 अप्रैल को 31,570 निषिद्ध जोन यानी रेड जोन (Red Zone) थे और अब कोविड-19 के मामलों में गिरावट के बाद बृहस्पतिवार तक यह संख्या 22,701 रह गई। बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 22,701 निषिद्ध क्षेत्र हैं, जिनमें से मध्य दिल्ली में सबसे अधिक 6,523 रेड जोन हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि शहर में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 900 नए मामले सामने आए हैं।

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य दिल्ली में सबसे अधिक 6,523 निषिद्ध जोन हैं जोकि कुल जोन का करीब 29 फीसदी है। इसी तरह, नई दिल्ली में 4,229, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में 2,313, दक्षिण दिल्ली में 2,308 और उत्तरी दिल्ली में 1,848, पूर्वी दिल्ली में 197, शाहदरा में 262 और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 326 निषिद्ध जोन हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने छत्रसाल स्टेडियम में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। दिल्ली में वैक्सीन की कमी को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार ने हमें कल बताया है कि युवाओं की वैक्सीन 10 जून से पहले नहीं मिल पाएगी और बहुत सीमित सप्लाई मिलेगी।

कोविड संक्रमण के कारण राज्य में लगे लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से ऑटो ड्राइवरों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक ऑटो ड्राइवर ने बताया, “हमारा काम काफी खराब चल रहा है। रोड पर सवारी नहीं होती है तो हमारा काम कैसे चलेगा। जब दफ़्तर और फैक्ट्रियां खुलेंगी तभी हमारा काम बनेगा।”

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