Home पॉलिटिक्स महाराष्ट्र की सियासत में अभी खूब चल रहा है ट्विटर पर बयानबाजी

महाराष्ट्र की सियासत में अभी खूब चल रहा है ट्विटर पर बयानबाजी

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना ने आज दोपहर 12 बजे शिवसेना भवन, मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है।

मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में मीडिया के सामने भले ही नेता खुलकर न आ रहे हो, लेकिन ट्विटर पर खूब बयानबाजी हो रही है। शिवसेना और बागी नेताओं के बीच जमकर ट्विटर वार छिड़ा हुआ है। हर घंटे सियासी समीकरण में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि कई बार विधायकों ने उद्धव जी से कहा था कि कांग्रेस हो या NCP, दोनों ही शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार विधायकों ने उद्धव जी से मिलने के लिए समय मांगा लेकिन वे उनसे कभी नहीं मिले।यदि आप शिवसेना के किसी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र को देखें तो तहसीलदार से लेकर राजस्व अधिकारी तक कोई भी अधिकारी विधायक के परामर्श से नियुक्त नहीं किया जाता है। यह बात हमने उद्धव जी को कई बार बताई लेकिन उन्होंने कभी इसका जवाब नहीं दिया।

गुरुवार को शिवसेना सांसद संजय राउत के उस बयान से महाराष्ट्र में एक नई सियासी हलचल मच गई, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर बागी विधायक 24 घंटों के भीतर वापस लौटते हैं तो पार्टी महा विकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर निकलने पर विचार करेगी।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि संख्या बल कागज़ में ज़्यादा हो सकती है लेकिन अब यह लड़ाई क़ानूनी लड़ाई होगी। हमारे जिन 12 लोगों ने बगावत शुरू की है उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है जिसके लिए हमारे लोगों ने सभापति से मुलाकात की है। (शरद) पवार साहब को धमकियां देने का काम चल रहा है। अमित शाह और मोदी जी आप के मंत्री पवार साहब को धमकी दे रहे हैं। क्या ऐसी धमकियों को आपका समर्थन है?

शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, “भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि अगर महाविकास अघाड़ी सरकार को बचाने के प्रयास किया गया तो शरद पवार को घर नहीं जाने दिया जाएगा। महाविकास अघाड़ी सरकार रहे या न रहे लेकिन शरद पवार के लिए ऐसी भाषा का उपयोग स्वीकार्य नहीं है।”

राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे मीडिया से बातचीत करने के लिए आधी रात को मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पारिवारिक आवास मातोश्री से बाहर निकले।

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