कांग्रेस या राहुल का भला होगा इस न्याय यात्रा

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हर राजनीतिक दल एक्टिव मोड में आ चुकी है। कलैंडर बदल चुका है। साल 2024 भारतीय राजनीति के नए मानक गढने को तैयार है। एक ओर भाजपा नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीसरी बार लगातार सत्ता में आने का रिकॉर्ड बनाने को बेताब है, तो दूसरी ओर कांग्रेस अपना सत्ता का वनवास खत्म करना चाहती है। इसलिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी एक बार फिर यात्रा पर निकल रहे हैं। बीते साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ों यात्रा कर चुके हैं। अब पूर्वात्तर में मणिपुर की राजधानी इंफाल से यात्रा शुरू करके पश्चिमी भारत के समुद्री छोर तक आने को तय कर चुके हैं। इसे न्याय यात्रा नाम दिया गया है।

इस यात्रा को लेकर पूरी जानकारी साझा करते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे। यह 14 जनवरी से मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी। इस दौरान यात्रा 14 राज्य और 85 जिलों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6 हजार 200 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करेंगे। यह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में समाप्त होगी।
यह यात्रा 21 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव के बाद हो रही है, जिसमें राहुल गांधी से यह आग्रह किया गया था कि वह एक और यात्रा निकालें। यात्रा की शुरुआत के लिए मणिपुर के चयन के पीछे के तर्क के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा कि यह देश का अहम हिस्सा है। पार्टी पूर्वोत्तर के इस राज्य के लोगों के घावों पर मरहम भी लगाना चाहती है। जयराम ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिये राहुल गांधी ने एकता, प्रेम और सौहा‌र्द्र का संदेश दिया था। इस बार वह लोगों के न्याय के लिए यात्रा पर निकलेंगे।
पार्टी को भरोसा है कि यह यात्रा उसके लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा (कन्याकुमारी से कश्मीर तक) की तरह मददगार साबित होगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यात्रा का संदेश ‘सबके लिए न्याय’ है। कांग्रेस इस यात्रा को अपने लिए बड़ा अवसर मान रही है।कांग्रेस पार्टी की ‘न्याय’ यात्रा का संदेश ‘सबके लिए न्याय’ होने का मतलब उनकी प्राथमिकता गरीबी, असहायता, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को सुलझाने की है। यह यात्रा विभिन्न राज्यों में दौरा करके लोगों के बीच इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करेगी। इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए जनसमर्थन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
कांग्रेस पार्टी की यह योजना अद्भुत लग रही है! यहां तक कि इस रैली का नाम – ‘हैं तैयार हम’ – खुद में ही जोश और तैयारी का संकेत है। यह स्पष्ट रूप से चुनावी माहौल में पार्टी की तैयारी को दिखाने का एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यात्रा के दौरान जितने लोगों से संवाद किया गया है, उसे देखते हुए पार्टी की यह नयी यात्रा भी उसी तरह लोगों को संजोया जा सकता है। इसमें विभिन्न समूहों और वर्गों से लोगों के साथ संवाद करने का एक अच्छा मौका है। यह बसों के माध्यम से यात्रा को तेजी से पूरा करने की कवायद है, जिससे अधिक से अधिक समय लोगों से मिलकर बातचीत की जा सके। इससे न केवल जनसमर्थन मिल सकता है, बल्कि पार्टी के विचारों को लोगों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर, यह योजना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है जिसमें वे अपनी योजनाओं और मिशन को लोगों के बीच व्याप्त कर सकते हैं। इससे पहले चुनावों में उन्हें मजबूती और समर्थन मिलने की संभावना हो सकती है।
इन 14 राज्यों में करीब 355 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास सिर्फ 14 सीटें हैं। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इन राज्यों में 236 सीटें जीती थीं। 14 राज्यों में न्याय यात्रा के जरिये राहुल गांधी के पास चुनावी लाभ पाने के लिए बहुत कुछ है, जबकि खोने के लिए कांग्रेस के पास कुछ नहीं है। यह सही है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के लिए चुनावी मैदान में कई चुनौतियाँ हैं। ‘न्याय’ यात्रा के माध्यम से चुनावी लाभ हासिल करने का प्रयास करना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जब पिछले चुनावों में उन्हें इन राज्यों में बहुमत नहीं मिला था।
कुछ राज्यों में कांग्रेस को बहुमत की खातिर एक सीट भी नहीं मिली थी, इसलिए उन्हें वहाँ अपनी गतिविधियों को मजबूत करने की आवश्यकता है। यह यात्रा इस प्रकार की राजनीतिक पारीक्षा का भी हिस्सा हो सकती है, कि किस तरह कांग्रेस अपनी योजनाओं को और संदेशों को लोगों तक पहुंचा सकती है और उनकी समर्थन प्राप्त कर सकती है। चुनौतीपूर्ण होते हुए भी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की प्रयासरता और नई रणनीतियों के माध्यम से वे अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने और चुनावी मैदान में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। यह समय हो सकता है कि पार्टी नये समर्थनाकर्ताओं को प्राप्त करे और चुनावी प्रचार में सफलता प्राप्त करे।