आज किसानों ने मनाया काला दिवस, लहराए काले झंडे

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के देशव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टीकरी बाॅर्डर और गाजीपुर बाॅर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। पंजाब के कई जिलों में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रदर्शन के दौरान कई जगह पुतला जलाने की सूचना है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों (New Farmer Act) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर बुधवार को ‘काला दिवस’ (Kala Diwas) मनाया। इस अवसर पर किसान नेताओं ने किसानों को संबोधित किया। काले झंडे फहराए, सरकार विरोधी नारे लगाए, पुतले जलाए और प्रदर्शन किया।

प्राप्त जानकारी के नअुसार, गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल पर कुछ गडबडी होने की सूचना है। यहां पर किसानों ने भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बीच केन्द्र सरकार का पुतला जलाया। ‘काला दिवस’ प्रदर्शन के तहत किसानों ने तीन सीमा क्षेत्रों सिंघू, गाजीपुर और टिकरी पर काले झंडे लहराए और नेताओं के पुतले जलाए। वैसे, दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण से हालात और लागू लॉकडाउन के मद्देनजर इकट्ठे नहीं होने की अपील की है और कहा कि प्रदर्शन स्थल पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वह कड़ी नजर बनाए रखे है।

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के1,491 नए मामले आए, 3,952 रिकवरी हुईं और 130 मौतें हुईं। दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट 1.9ः हो गया है। कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बॉर्डर पर काले झंडे लगाकर आज काला दिवस मना रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि आज हम काला दिवस मना रहे हैं, 6 महीने यहां पर हो गए हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है इसलिए हम काले झंडे हाथ में लिए हुए हैं। ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। बाहर से कोई किसान यहां नहीं आएंगे।

किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता अवतार सिंह मेहमा ने कहा कि न केवल प्रदर्शन स्थल पर बल्कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के गांवों में भी काले झंडे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने अपने घरों और वाहनों पर भी काले झंडे लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के नेताओं के पुतले जलाए गए। आज का दिन यह बात दोहराने का है कि हमें प्रदर्शन करते हुए छह माह हो गए हैं लेकिन सरकार जिसके कार्यकाल के आज सात वर्ष पूरे हो गए, वह हमारी बात नहीं सुन रही है।

अमृतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने काले झंडे के साथ विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने बताया, ष्किसानों को प्रदर्शन करते हुए 6 महीने हो गए है लेकिन फिर भी सरकार सोई हुई है इन्हें जगाने के लिए हम एक बार फिर सड़कों पर उतरे है।ष् अमृतसर के छब्बा गांव में किसानों ने अपने घरों में काले झंडे लगाकर और अपने हाथों में काले झंडे लेकर काला दिवस मनाते हुए दिखे।