रांची। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार को कार्निवल बैंक्वेट हॉल के बिरसा मुंडा सभागार में शुरू हुई। केंद्रीय जनजाति मंत्रालय के मंत्री अर्जुन मुंडा ने उद्घाटन सत्र में कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार भाजपा सरकार में ही जनजाति समाज की सुध ली गयी। मोदी सरकार में जनजातीय समाज के आठ लोगों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है। शैक्षणिक रूप से जनजाति समाज के लोगों को समृद्ध करने को एकलव्य विद्यालय की पहल हुई है।
आदिवासी समाज के स्थानीय बच्चों को इसमें स्टैंडर्ड क्वालिटी की शिक्षा सुविधा मिलेगी। झारखंड, बंगाल सहित अन्य जगहों पर एकलव्य विद्यालयों के मामले में विपक्षी दल सतही राजनीति कर रहे। जमीन आवंटन में राजनीति दिख रही। झारखंड सरकार को भी जनजाति समाज के उत्थान में रुचि नहीं। यही वजह है कि अब तक केंद्र से सरकार ने आदिवासी समाज के उत्थान संबंधी योजनाएं लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। कार्यसमिति के सदस्य मोदी सरकार द्वारा जनजाति समाज के उत्थान के लिए किये जा रहे प्रयासों को अवगत कराएं। जनजाति समाज को आत्मनिर्भर बनाने संबंधी मुहिम में और सक्रिय भूमिका निभाएं।
उद्घाटन सत्र में एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव, जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी दिलीप सैंकिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, रेणु सिंह, राम सिंह रथावा, भारती पवार, सहित आठ केंद्रीय मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, पूर्व सीएम सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश सहित, जनजाति समाज से जुड़े 20 सांसद, राष्ट्रीय कार्यसमिति (एसटी मोर्चा) के 200 पदाधिकारी सहित कई अन्य भी उपस्थित थे।
आज से रांची में शुरू हुए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का मुख्य आकर्षण जनजातीय महापुरुषों की चित्र प्रदर्शनी है।आगंतुकों के लिए यह आकर्षक का केंद्र भी है।@BJP4India @narendramodi@JPNadda@bjp4stmorcha @blsanthosh@v_shrivsatish pic.twitter.com/JfJWmKwvkq
— Arjun Munda (@MundaArjun) October 23, 2021
अर्जुन मुंडा ने कहा कि मोदी सरकार में जनजाति समाज के उत्थान के लिये नयी लकीर खींची गयी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदारी बढ़ाने के अलावा अन्य कई प्रयास किये हैं। कांग्रेस ने देश में कई दशकों तक राज किया। आदिवासी समाज के विकास के नाम पर योजनाएं तो बनायीं पर उनके लिये नहीं बनायीं। यही वजह रही कि जमीनी बदलाव जनजाति समाज में देखने को नहीं मिला। 2014 में भाजपा के 27 सांसद थे। इसके बाद 2019 में यह संख्या बढ़कर 46 हुई। यह बताता है कि भाजपा को अरुणाचल प्रदेश से लेकर अंडमान निकोबार तक जनजाति समाज का भरोसा प्राप्त है जो गर्व की बात है। ऐसे में कार्यसमिति सदस्य देखें कि कैसे इस समाज के सतत विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया जाये।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने कार्यसमिति सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा कि भाजपा की अटल बिहारी से लेकर मोदी सरकार तक जनजातीय समाज के लिये कई अहम कार्य हुए हैं। समाज में चेतना बढ़ी है। कोरोना संकट काल में मोदी सरकार ने गांव गांव तक टीकाकरण अभियान में जबर्दस्त सफलता हासिल की है। केंद्र सरकार ने आदिवासी समाज के लिये वन धन योजना, एकलव्य स्कूलों के जरिये कई सकारात्मक प्रयास किये हैं। विपक्षी दल अपने तरीके से गांव गांव के लोगों को बरगलाने में लगी रहती है। कार्यसमिति के सदस्य और कार्यकर्ता अपनी सक्रियता गांवों में बढ़ाएं और मोदी सरकार के प्रयासों की जानकारी उन्हें दें।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक के प्रथम दिन पर आदिवासी संस्कृति के परिचय की एक और झलक।@narendramodi @blsanthosh @v_shrivsatish @DilipSaikia4Bjp @SameerOraon16 pic.twitter.com/y7xIVqLJ1c
— BJP Scheduled Tribe Morcha (@bjp4stmorcha) October 23, 2021
अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि अभी देश में पार्टी के 46 सांसद हैं। अगले तीन सालों को देखते कार्यसमिति अपनी रणनीति बनाये कि कैसे हम सब जनजाति समाज का और अधिक भरोसा ले सकें। झारखंड में 28 सीटों पर जीतकर नया इतिहास रचें।