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Ukraine Crisis : अमेरिका ने दी यूक्रेन की भारी सहायता, बाइडन ने पुतिन को बताया आक्रामक

TOPSHOT - US President Joe Biden sits in the Oval Office as he signs a series of orders at the White House in Washington, DC, after being sworn in at the US Capitol on January 20, 2021. - US President Joe Biden signed a raft of executive orders to launch his administration, including a decision to rejoin the Paris climate accord. The orders were aimed at reversing decisions by his predecessor, reversing the process of leaving the World Health Organization, ending the ban on entries from mostly Muslim-majority countries, bolstering environmental protections and strengthening the fight against Covid-19. (Photo by Jim WATSON / AFP)

वाशिंगटन। अमेरिका की संसद ने यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को सैन्य और मानवीय सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को मंजूरी दी। दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि व्लादिमीर पुतिन आक्रामक हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।

रूस के यूक्रेन पर हमले से हजारों लोग मारे गए हैं और बीस लाख से अधिक लोग देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। अमेरिकी संसद ने लोगों की मदद के वास्ते कुल 150000 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी। इस विधेयक को 68-31 मतों से मंजूरी मिली। संसद में बहुमत के नेता चक शूमर ने मतदान से पहले कहा,‘‘ हमने यूक्रेन की जनता से वादा किया था कि वे पुतिन के खिलाफ संघर्ष में अकेले नहीं होंगे, और एक बार हम इस पैकेज को मंजूरी दे दें, हम अपने वादे पर खरे उतरेंगे।’’

प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को समझौता विधेयक पारित किया था। राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर इस पर जरूरी थे। इस राशि की आधी रकम, करीब 13.6 अरब डॉलर यूक्रेन को हथियार और अन्य साजो सामान मुहैया कराने तथा अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों को अमेरिकी सैनिकों को भेजने पर खर्च होनी है। शेष राशि का इस्तेमाल मानवीय, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सहयोगियों की रक्षा क्षमता मजबूत करने तथा साइबर सुरक्षा आदि के लिए है।

रिपब्लिक पार्टी के सदस्यों ने इसका मजबूती से समर्थन किया है,लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने बहुत धीरे और डरते हुए यह कदम उठाया है। साथ ही उन्होंने पोलैंड के साथ उस मामले के भी हल नहीं होने की आलोचना की जिसमें पोलैंड ने यूक्रेन की मदद के लिए अपने लडाकू विमान देने की पेशकश की थी। संसद में अल्पसंख्यक नेता मिच मैककोनेल ने कहा,‘‘ इस प्रशासन की पहली प्रवृत्ति है बचना, फिर अंतरराष्ट्रीय और सार्वजनिक दबाव बढ़ने की प्रतीक्षा करना, और फिर कार्रवाई करना है।’’

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