नई दिल्ली। गुरुवार को देश के कई हिस्सों में PFI के खिलाफ छापेमारी चल रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोलकाता में एक PFI कार्यकर्ता के आवास पर तलाशी ले रही है। एजेंसी तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, असम सहित 10 राज्यों में PFI से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ले रही है। राजस्थान मोती डूंगरी रोड स्थित PFI के जयपुर कार्यालय में NIA छापेमारी कर रही है।
खबर है कि देश के 11 राज्यों में 106 ठिकानों पर दबिश देकर 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें पार्टी के कई बड़े नेता भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इस पूरे एक्शन की पटकथा 29 अगस्त को हुई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में ही लिख दी गई थी। बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रॉ, आईबी, NIA के प्रमुख समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए थे। शाह ने यह साफ कर दिया था कि पीएफआई के पूरे कैडर, फंडिंग और आतंकी नेटवर्क को खत्म करना है और इसमें अलग-अलग एजेंसियों के शामिल करने की योजना तैयार की गई।
NIA sealed the Telangana PFI head office in Chandrayangutta, Hyderabad in connection with a case registered earlier by NIA. NIA, ED, Paramilitary along with local police sealed the PFI office. pic.twitter.com/yQzVyJWfDy
— ANI (@ANI) September 22, 2022
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि PFI जो भारत विरोधी काम करता है। पूर्णिया को उसने अपना सेंटर बनाया है। ये दुर्भाग्य है जब फुलवारी शरीफ में PFI पर छापे पड़े तब पुलिस का निराशाजनक वक्तव्य आया था। नीतीश और लालू बाबू तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मुझे लगता है PFI आतंकियों से संबंधित है। संगठन चलाने और मुस्लिम समुदाय को एक करने में हमारा विरोध नहीं है। लेकिन देश का नाम लेकर यहां आतंक फैलाने की कोशिश होती है तो उसपर एक्शन लेने की आवश्यक्ता होती है। NIA और ED के छापों का मैं स्वागत करता हूं।
Kerala Police detained PFI workers in Kannur after they tried to block a road in order to protest against the NIA raids
NIA raids are underway at several locations linked to PFI in several states pic.twitter.com/53zRJ7TYo4
— ANI (@ANI) September 22, 2022
न्यूज18 के अनुसार, 29 अगस्त को हुई बैठक में शामिल हुए शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि शाह पीएफआई और उससे जुड़ी गतिविधियों की जानकारी चाहते थे। उस दौरान जब मौजूद लोगों ने उन्हें जानकारियां मुहैया कराई, तो उन्होंने अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारियां बांटी। PFI के खिलाफ बड़े एक्शन की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह भी तय किया गया कि एजेंसियां पहले पूरा होमवर्क करेंगी।