ताइपे। अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई है। वो राजधानी ताइपे में हैं। ताइवान पूरा गर्मजोशी से उनका स्वागत कर रहा है। दूसरी ओर इस यात्रा को लेकर अमेरिका और चीन के बीच खुल्लम-खुला धमकियों का दौर जारी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को इसकी कीमत भुगतने तक की धमकी दी हुई है।
ताइपे में अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष है। जैसा कि चीन समर्थन हासिल करने के लिए अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग करता है, हमें ताइवान के बारे में उसकी तकनीकी प्रगति के बारे में बात करनी होगी और लोगों को ताइवान के अधिक लोकतांत्रिक बनने का साहस दिखाना होगा।
ताइवान में अमेरिकी स्पीकर पेलोसी ने यह भी कहा कि अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है। ताइवान में लोकतंत्र फल-फूल रहा है। ताइवान ने दुनिया को साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद अगर आशा, साहस और दृढ़ संकल्प है तो आप समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता महत्वपूर्ण है। आज हम यही संदेश लेकर आए हैं।
Taiwan | There's struggle between democracy & autocracy in world. As China uses its soft power in order to gain support, we've to talk about Taiwan in terms of its technological advancement & show people Taiwan's courage to become more democratic:US Speaker Pelosi at a presser pic.twitter.com/azsvBUIXrF
— ANI (@ANI) August 3, 2022
बता दें कि एक ओर जहां चीन इसे ‘आग से खेलना’ बता रहा है। वहीं, अमेरिका भी बढ़े हुए कदम पीछे लेने के मूड में नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवालों के बीच एक सवाल यह भी है कि अमेरिका एक ऐसे द्वीप में दिलचस्पी क्यों दिखा रहा है, जिसे वह आधिकारिक तौर पर देश भी नहीं मानता है।