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West Bengal Assembly Election : जाति और गोत्र पर टिक गई विधानसभा चुनाव

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब चुनावी वादा जाति और गोत्र पर आकर टिक गई है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर जुबानी वार कर रहे हैं। चाहे बात कहीं तक जाए।

कोलकाता। सुनने और पढने में भले ही थोडा अटपटा लगे, लेकिन सच यही है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election ) में शब्दों की हर सीमा कम होती जा रही है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष जनता को लुभाने के लिए हर वो काम कर रहे हैं, जिससे वो पहले परहेज करते थे। इसी कडी में हर नेता मंदिरों की परिक्रमा कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एक-दूसरे पर जुबानी हमला कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) ने कहा कि मैंने मंदिर का दौरा किया जहां पुजारी ने मेरा गोत्र पूछा, मैंने कहा माँ, माटी, मानुष। यह मुझे मेरी त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर की याद दिलाता है, जहां पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा और मैंने मां, माटी, मानुष कहा था, वास्तव में मैं शांडिल्य हूं।

वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj singh) ने पलटवार करते हुए कहा कि मुझे तो कभी गोत्र बताने की ज़रूरत नहीं पड़ी, मैं तो लिखता हूं। लेकिन ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बताती हैं। ममता बनर्जी अब आप मुझे बात दीजिए कि कहीं रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं है। उनका हारना तय है।

असल में, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) को भाजपा अपने लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना चुकी है। इसलिए तमाम केंद्रीय नेता इस चुनाव में लगे हुए हैं। पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि राज्य में TMC की भ्रष्टाचारी, तोलबाजी वाली नाकाम सरकार जिसने प्रदेश को विकास से वंचित रखा, इस सरकार को बंगाल की जनता हराकर भाजपा को 200 से ज्यादा सीटें देकर एक ईमानदार विकास से प्रेरित सरकार को राज्य में स्थापित करेगी।

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