Home पॉलिटिक्स पश्चिम बंगाल: क्या मिथुन चक्रवर्ती पर दांव लगाएगी भाजपा ?

पश्चिम बंगाल: क्या मिथुन चक्रवर्ती पर दांव लगाएगी भाजपा ?

मिथुन चक्रवर्ती को राज्यसभा में भेजने वाली तृणमूल कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं और यह सिलसिला निरंतर जारी है। मिथुन चक्रवर्ती ने भी तृणमूल कांग्रेस नेताओं के दल-बदल पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

कोलकाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने विगत दिनों प्रसिद्ध बालीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से उनके मुंबई स्थित निवास स्थान जाकर भेंट की। मिथुन चक्रवर्ती से भागवत की संभवतः यह दूसरी भेंट थी। इसके पूर्व अक्टूबर2019में‌ मिथुन चक्रवर्ती ने नागपुर स्थित संघ मुख्यालय जाकर भागवत से मुलाकात की थी।उस समय मिथुन चक्रवर्ती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डा हेडगेवार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की थी। मिथुन चक्रवर्ती से भागवत की गत मंगलवार को हुई भेंट के बाद जब यह सवाल किया ‌गया की संघ प्रमुख से उनकी बात चीत का विषय क्या था तो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त अभिनेता ने इस भेंट को‌ सौजन्य भेंट बताकर किसी राजनीतिक संभावना से इंकार कर दिया ।

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि अपने नागपुर प्रवास के दौरान उन्होंने संघ प्रमुख मोहन को अपने मुंबई निवास पर आने का निमंत्रण दिया था। भागवत ने उनके निमंत्रण को स्वीकार ‌कर लिया था और इस सौजन्य भेंट को उसी निमंत्रण से जोड़ कर देखा जाना चाहिए। मिथुन कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ही राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं परंतु भागवत से हाल में ही हुई भेंट के कोई राजनीतिक निहितार्थ ‌नहीं हैं। मिथुन चक्रवर्ती ने कहा है कि भागवत से उनका आध्यात्मिक जुड़ाव है। गौरतलब है कि अतीत में मिथुन चक्रवर्ती को पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ‌तृणमूल कांग्रेस राज्यसभा ‌में भी भेज चुकी है परंतु मात्र दो ‌वर्ष के कार्य काल के बाद ही उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

दो साल के कार्यकाल में भी वे अधिकांश समय सदन से अनुपस्थित रहे। उसके बाद से मिथुन चक्रवर्ती अपनी राजनीतिक ‌महत्वाकांक्षाओं‌ के बारे में प्रायः मौन ही रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मिथुन चक्रवर्ती को राज्यसभा में भेजने वाली तृणमूल कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं और यह सिलसिला निरंतर जारी है। मिथुन चक्रवर्ती ने भी तृणमूल कांग्रेस नेताओं के दल-बदल पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

दरअसल, आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल कर लेने का सुनहरा स्वप्न संजोए बैठी भारतीय जनता पार्टी को राज्य में एक ऐसे लोकप्रिय चेहरे का अभाव कल रहा है जिसे राज्य की जनता लोकप्रियता के पैमाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समकक्ष मानती हो। इसीलिए कुछ समय पूर्व यह खबरें सामने आई थीं कि भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली को भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर सकती है परंतु सौरव गांगुली के हृदयरोग से ग्रसित होने के बाद उन खबरों पर विराम लग गया।

अब यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब भारतीय जनता पार्टी मिथुन चक्रवर्ती के समक्ष यह प्रस्ताव रख सकती है । भागवत की उनसे उनके निवास पर हुई ताजा भेंट ‌ने‌ इन अटकलों को ‌और तेज कर दिया है यद्यपि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अगर भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल की जनता के ‌बीच बेहद लोकप्रिय ‌बालीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के समक्ष सचमुच में ऐसा कोई प्रस्ताव रखती है तो वे उसे स्वीकार कर सकते हैं लेकिन इतना तो ‌तय है कि भाजपा के लिए मिथुन का साथ सोने में सुगंध ‌कहावत को चरितार्थ कर सकता है। यहां यह बात भी विशेष उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विगत चुनावों में पश्चिम बंगाल लोकप्रिय फिल्मी हस्तियों को चुनावों में पार्टी उम्मीदवार बना चुकी हैं और पार्टी को उसका लाभ भी मिला है।

संसद में भी प्रायः सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सदस्यों के रूप में लोकप्रिय फिल्मी हस्तियां सदन‌ में पहुंचती रही हैं। अधिकांश राजनीतिक दलों ने अपने मतदाताओं का समर्थन जुटाने के लिए चुनाव प्रचार में फिल्मी सितारों की लोकप्रियता का सहारा लिया है। अब देखना यह है कि मिथुन चक्रवर्ती संघ प्रमुख के साथ अपनी जिस मुलाकात को आध्यात्मिक जुड़ाव बताकर सारी राजनीतिक अटकलों ‌पर विराम लगा देना चाहते हैं वह मुलाकात भविष्य में भी क्या केवल आध्यात्मिक जुड़ाव तक ही सीमित रहती है अथवा इसके कोई राजनीतिक मायने भी हैं।

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