क्या है ऑटो डिस्पोजिबल सिरिंज , जिससे दी जाएगी आपको कोविड वैक्सीन

नई दिल्ली। जब भी हम और आप वैक्सीन लगवाते हैं, तो उसके लिए सिरिंज का प्रयोग करना पडता है। बहुत पहले शीशे से बना सिरिंज उपयोग में था। बीते कुछ दशकों से हेल्थकेयर में डिस्पोजिबल सीरिंज का चलन हो रहा है। इसका सबसे अधिक लाभ है कि इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता। इसलिए अब भारत सरकार की ओर से निर्णय लिया गया है कि कोरोना वैक्सीन देने के लिए ऑटो डिस्पोजिबल सिरिंज का प्रयोग किया जाएगा।

अब सवाल उठता है कि ऑटो डिस्पोजिबल सिरिंज क्या होता है और यह कैसे काम करता है ? आपको याद होगा जब एचआईवी एड्स को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा था, तो उसके संक्रमण को रोकने के लिए एक उपाय में से बेहतर उपाय के रूप में डिस्पोजिबल सिरिंज का चलन हुआ। हाल ही में ऑटो डिस्पोजिबल सिरिंज का चलन बढा है। एक बार सूई देने के बाद यह काम करने लायक नहीं होता है। इसलिए सरकार की ओर से इसे ही कोरोना वैक्सीन के लिए उपयुक्त माना गया है।

ऑटो डिस्पोजिबल सिरिंज एक बार इस्तेमाल के बाद लॉक हो जाएगी। इसमें दोबारा दवा डाल या निकाल नहीं सकते।ऑटो डिसेबल सीरिंज की कीमत डिस्पोजेबल सीरिंज से 35-50 पैसे ज्यादा है। ग्रामीण इलाकों में अभी सीरिंज दोबारा इस्तेमाल होती रहती है। इस कारण हैपेटाइटिस बी, सी और एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है। इसे देखते हुए ऑटो डिसेबल सीरिंज ही प्रयोग करने का फैसला लिया गया है। उल्लेखनीय है कि साल 2017 में स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने भी डिस्पोजेबल सीरिंज बैन करने की सिफारिश की थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने – एक सुई, एक सिरिंज, केवल एक बार – के लिए प्रतिज्ञा की है। केंद्र सरकार ने अपने कोरोना वैक्सीन दिशानिर्देशों में राज्यों को भारत में आयोजित होने वाले सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान सुरक्षित इंजेक्शन प्रथाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही उपयोग किए गए इंजेक्शनों के सुरक्षित निपटान के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से यह निर्देश दिया है कि किसी भी स्तर पर कोताही नहीं हो। कोरोना वैक्सीन को लेकर हर सवाल के जवाब दिए जाएं। इसके लिए मंत्रालय स्तर से लेकर राज्य, जिला और ब्लाॅक तक विशेषज्ञों से बात की गई है। उसी कडी में कोरोना वैक्सीन के इस देशव्यापी अभियान में निर्णय लिया गया कि वैक्सीन देने के लिए इस बार वन टाइम ऑटो डिस्पोजिबल सीरिंज का उपयोग किया जाए। ताकि किसी भी तरह के संदेह की गुंजाइश ही न रहे।