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क्या है सोनिया गांधी की चिंता, पार्टी स्थापना दिवस पर व्यक्त किए विचार

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी देश की वर्तमान हालात को लेकर बेचैन हैं। जिस प्रकार से कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर उन्होंने अपना संबोधन दिया, उससे तो कम से कम यही लगता है। और तो और, उन्होंने देश को तानाशाही ताकतों से देश को बचाने के लिए आह्वान किया है। उनके इस वक्तव्य को कांग्रेस कार्यकर्ता अधिक से अधिक शेयर कर रहे हैं। पार्टी का मानना है कि उनके नेता का यह बयान जितने अधिक लोगों तक पहंचेगा, उससे पार्टी को लाभ मिलेगा और संगठन में जान आएगी।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 136वें स्थापना दिवस पर जारी एक वीडियो में कहा कि देश में वर्तमान परिस्थितियां आजादी के पहले की तरह हैं और ‘तानाशाही ताकतों’ से देश को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। इसी वीडियो में सोनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस को हर मोर्चे पर मजबूत बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने आजादी के आंदोलन और देश के विकास में कांग्रेस के योगदान का उल्लेख किया और यह दावा किया, ‘‘आज फिर से परिस्थितियां आजादी से पहले की तरह हैं। जनता के अधिकार कुचले जा रहे हैं। चारो तरफ तानाशाही का आलम है। लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। खेत-खलिहान पर हमला बोला जा रहा है। देश के अन्नदाता पर काले कानून थोपे जा रहे हैं।’’

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के विकास में कांग्रेस के योगदान की व्याख्या की। अपने संबोधन में जब वो वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर बात कर रही थी कि तब उन्होंने कहा कि ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक बार फिर देश को तानाशाही ताकतों से बचाएं और उनसे लोहा लें। यही सच्ची राष्ट्रभक्ति है। इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, ‘‘जिस तिरंगे के नीचे हमने आजादी हासिल की थी, आज उसी तिरंगे के नीचे हमें एकजुट होना होगा। कांग्रेस को हर मोर्चे पर मजबूत बनाना होगा। यह तिरंगा कांग्रेस और देशवासियों के लिए जीने का हौसला है, लोगों की आशाओं का प्रतीक है और देश का गौरव है। हमें आम जन के दिलों को जीतना है।’’

 

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