मुंबई। बारिश के कारण तापमान में भले ही कमी आई हो, लेकिन राज्य की सियासत अभी भी गरमाई हुई है। शिवसेना के अंदर ही असली शिवसेना कौन है, इसको लेकर रस्साकशी शुरू हो गई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से भले ही अभी पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झटका जैसा लगा हो, लेकिन उनके सांसद संजय राउत के तेवर अभी भी तल्ख हैं। लगातार वो अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं।
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए सांसद संजय राउत ने कहा कि विपक्ष जिंदा रहना चाहिए। हमारे पास विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के प्रति भी सद्भावना है… पहले हमने प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था… NDA उम्मीदवार का नहीं। हमने प्रणब मुखर्जी का भी समर्थन किया था। शिवसेना दबाव में फैसले नहीं लेती। उन्होंने यह भी कहा कि हमने अपनी बैठक में द्रौपदी मुर्मू (NDA की राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार) पर चर्चा की … द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का मतलब भाजपा का समर्थन करना नहीं है। शिवसेना की भूमिका एक-दो दिन में साफ हो जाएगी।
इसके साथ ही मंगलवार की सुबह जिस तरह से शिवसेना नेता ने यह ट्विट किया है, उसको लेकर भी कई मायने निकाले जा रहे हैं।
अब नही कोई बात खतरे
की,
अब सभी को सभी से खतरा हैं..
जौन एलिया.@Dev_Fadnavis @CMOMaharashtra @mieknathshinde@OfficeofUT@priyankagandhi pic.twitter.com/MNVhwvL4Cj— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 12, 2022
पहले माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगे। हालांकि जिस तरीके से शिवसेना में पिछले दिनों उठापटक का दौर देखने को मिला, उसके बाद से कहीं ना कहीं उद्धव इस मामले को लेकर सोच समझ कर फैसला लेंगे।
बता दें कि सोमवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने इस बैठक में भाग लिया और उनमें से अधिकतर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया। यह जानकारी शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर ने दी। हालांकि, शिवसेना सांसद एवं मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया कि लोकसभा में पार्टी के18 सदस्यों में से 15 ने उपनगरीय बांद्रा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री में हुई बैठक में भाग लिया।