क्या राजस्थान की कहानी दोहराएगी कनार्टक में कांग्रेस ? क्यों नहीं मिल पा रहे सीएम

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जनता ने बहुमत तो दे दिया, लेकिन कांग्रेस का पार्टी नेतृत्व अब तक राज्य के मुख्यमंत्री का नाम घोषित नहीं कर पा रही है। इसके पीछे कांग्रेस को राजस्थान का अनुभव याद आ रहा है, जहां प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट की जगह उसने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया, उसके बाद से वहां समय समय पर टकराते रहते हैं। यह स्थिति कर्नाटक में दिख रही है। यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने पूरा मेहनत किया और बड़ा कद होने के नाते पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का नाम भी चल रहा है।

असल में, पार्टी के दो दिग्गजों सिद्धरमैया व डीके शिवकुमार के बीच शह और मात के खेल ने आलाकमान के सामने असमंजस खड़ा कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर नेताओं की दिनभर चली बैठकें बेनतीजा रहीं, अब बुधवार को फिर से बैठक बुलाई गई है। खास बात यह है कि सीएम पद की होड़ में तीसरे दावेदार की भी एंट्री हो गई है। वरिष्ठ दलित नेता जी परमेश्वर ने कहा, आलाकमान चाहे, तो मैं दायित्व लेने के लिए तैयार हूं। पूर्व उपमुख्यमंत्री परमेश्वर ने कहा, दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। आलाकमान को पार्टी के प्रति मेरी सेवाओं का पता है। मैं 50 विधायकों का अलग गुट बना सकता हूं, पर अनुशासित सिपाही होने के कारण ऐसा नहीं करूंगा।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार का कहना है कि अगर कोई चैनल रिपोर्ट कर रहा है कि मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं, तो मैं उसके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करूंगा। कुछ रिपोर्ट कर रहे हैं कि मैं इस्तीफा दे दूंगा, ऐसा कुछ नहीं है। पार्टी मेरी मां है। मैंने इसे बनाया है। मेरा आलाकमान है, मेरी पार्टी है और हमारे 135 विधायक हैं।
इससे पहले मंगलवार को दिन भर में दिल्ली में गहमागहमी रही। सिद्धरमैया पहले से दिल्ली में मौजूद थे और मंगलवार को डीके शिवकुमार भी दिल्ली पहुंचे। शाम में दोनों नेताओं ने बारी बारी से मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। पहले शाम साढ़े पांच बजे शिवकुमार ने खड़गे से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि उनको साढ़े छह बजे पहुंचना था लेकिन वे साढ़े पांच बजे ही खड़गे के यहां पहुंच गए। उनकी मुलाकात के बाद सिद्धरमैया भी खड़गे से मिले।

इन दोनों नेताओं के खड़गे से मिलने से पहले राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात की। शिवकुमार के दिल्ली पहुंचने के बाद राहुल सक्रिय हुए और वे दोपहर में खड़गे से मिलने उनके घर 10, राजाजी मार्ग पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि राहुल ने सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दी है, जिससे उनका पलड़ा भारी हो गया है। कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक खड़गे बेंगलुरू जाने से पहले सोनिया गांधी से मिलेंगे और उनकी सहमति लेकर ही नए मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे। राज्य के कुछ नव निर्वाचित विधायकों ने भी खड़गे से मुलाकात की।