इंटरनेशनल डे फॉर द कंजर्वेशन ऑफ द मैनग्रोव इकोसिस्टम
हर साल 26 जुलाई का दिन इंटरनेशनल डे फॉर द कंजर्वेशन ऑफ द मैनग्रोव इकोसिस्टम के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन की खास बात यह हैं की इस दिन को को हम पर्यावरण को बचाने और उसे शुद्ध रखने के लिए और मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र के महत्व के बारे में “एक अद्वितीय, विशेष और कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में जागरूकता बढ़ाने और उनके स्थायी प्रबंधन, संरक्षण और उपयोग के लिए समाधान को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
क्यों इतने खास हैं मैंग्रोव
साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र के एजुकेशनल, साइंटिफिक और कल्चरल ऑर्गनाइजेशन UNESCO की जनरल कॉन्फ्रेंस में एक दिन मैंग्रोव ईकोसिस्टम के संरक्षण के लिए समर्पित करना तय किया गया है। मैंग्रोव जंगलों और इसके पूरे ईकोसिस्टम के संरक्षण का सूत्र तीन शब्दों (प्रबंधन, संरक्षण और उपयोग)में दिया गया है। इन्हीं के आधार पर सस्टेनेबल मैनेजमेंट और कंजर्वेशन के तरीके खोजने पर जोर दिया गया लेकिन इन जंगलों में ऐसा क्या है जो इन्हें इतना यूनिक बनाता है।
मैनग्रोव एक मात्र ऐसे पेड़ होते हैं जो खारे पानी में उगते हैं। अन्य पेड़ के मुकाबले ये वातावरण से 5 गुना अधिक कार्बन लेते हैं। मैनग्रोव समुंद्री तटों को तूफान, सुनामी और बढ़ते समुंद्र के स्तर से बचाते हैं। वहीं, ये मछली, शंख, प्रवासी पक्षियों और कीड़ों के लिए प्राकृतिक आवास भी प्रदान करते हैं।
आखिर 24 जुलाई को ही ये दिन क्यों मनाते हैं
1998 में आज ही के दिन ग्रीनपीस के कार्यकर्ता हेहो डेनियल नैनोटो की इक्वाडोर के मुइसने में मैंग्रोव आर्द्रभूमि को फिर से स्थापित करने के लिए एक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद से इस दिन को मनाया जाता है।