Home पॉलिटिक्स एनडीए में क्यों सुनाई दे रही है टकराहट की आवाज ?

एनडीए में क्यों सुनाई दे रही है टकराहट की आवाज ?

पटना। इश्क और नफरत यदि होने लगे, तो आप लाख कोशिश करके भी नहीं छिपा सकते हैं। आज न कल वो सामने आ ही जाएगा। बिहार की राजनीति में यही हो रहा है। सत्तारूढ गठबंधन के राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान एक-दूसरे की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में जिस प्रकार से भाजपा नेता जनक चमार ने तेवर दिखाएं हैं, वो हकीकत बयां करके लिए काफी है।

बिहार में भाजपा, जदयू, वीआईपी और हम लाख दावे करे एनडीए में सबकुछ ठीकठाक है, लेकिन हकीकत कुछ और ही इशारा कर रही है। जिस तरह की व्यानवाजी जिस स्तर की बयानबाजी हर रोज हो रही है उससे तो यही लग रहा कि यह हनीमून पीरियड जल्द खत्म होने वाला है और जो मैं महीनों से लगातार आकलन अनुमान के आधार पर जो कुछ तथ्य रख रहा हूँ वो मूर्तरूप ले चुका है और जल्द ही एकबार फिर गैरभाजपा सरकार बनेगी बहुमत के लिये 123 का आंकड़ा जरूरी है पर यहां तो 124 इकट्ठा है साथ मे फुलप्रूफ प्लान है सरकार बनने का भरोसा पक्का हुआ तो एनडीए में शामिल दलों की पार्टियां तो आएगी ही

सम्भव है भाजपा जदयू से भी विधायक आएंगे लालू यादव अभी दिल्ली से पटना नही आ रहे इस बीच एनडीए में भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सरकार में मंत्री जनक चमार और इसके पूर्व एमएलसी टुन्ना जी पांडे ने सरकार और नीतीश कुमार पर जिस तरह आक्रामक अटैक किया। वो दो दो हाथ फरिया लेने का संकेत ही कहा जायेगा जदयू की ओर से उपेन्दर कुशवाहा संजय सिंह नीरज कुमार ने भाजपा को जो कुछ कहा उंगली काट लेने तक की बात कही लगता नही की वो भी भाजपा से दब जाएंगे अब बात कर लें हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी का पूरे देश मे वो अकेला नेता हैं जो मुखर और आक्रामक होकर खिलाफत की कोरोना के उस प्रमाण पत्र पर जिसपर पीएम मोदी की तस्वीर थी उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि फोटो लगाने का शौक।

इतना ही है तो कोरोना से होनेवाली मौत के डेथ सर्टिफिकेट पर अपना फोटो लगवा लें ताकि लोग याद करें कि उन्ही के कारण वे यमलोक गए मांझी ने लव जेहाद पर भी भाजपा को लताड़ा की दलित मुस्लिम के भाईचारा भाजपा को फूटी आंख नही सुहाती सौहार्द बिगाड़ना और सरकार को अस्थिर करने में लगी है।
उन्होंने घटक दलों में समन्वय के लिये को कॉर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग ठीक उसी तर्ज पर की जैसे राजद में रहकर ऐसी ही मांग की थी जब नही पूरा हुआ तो पलटी मार ली मांझी के इस मांग का जदयू ने समर्थन भी पुरजोर किया पर भाजपा की ओर से संजय मयूख को छोड़ कोई इसपर अपनी प्रतिक्रिया नही दी वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी भले ही कहे कि एनडीए में है रहेंगे पर हकीकत यह कि राज्यपाल कोटा से 12 मनोनीत विधान पार्षदों में उनकी अनदेखी से आहत हैं जीतनराम मांझी भी इसी सवाल से भाजपा से चिढ़े है महागठबंधन के पास 110सीटें है ओबैसी का साथ यानी 5 विधायको के समर्थन का दावा है यानी 115 बहुमत के लिये चाहिये 123।

पटना के सियासी गलियारों में अब चर्चा है कि राजद ने मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी को उपमुख्यमंत्री का खुला ऑफर यह आफर दोनो को आकर्षित तो कर ही रहा लुभा भी रहा यदि इन दोनों दलों ने राजद को साथ दिया तो आंकड़ा 124 पहुंच जाता है तब महागठबंधन की सरकार बनने से कोई नही रोक सकता कह सकते है कि बिहार का बहुमत तलवार के धार पर है वाजी पलटते देर नही लगेगी कहा तो यही जा रहा कि लालू यादव ने तय किया है कि महागठबंधन की सरकार जब बनेगी तब ही पटना लौटेंगे राजद मुर्हूत का इंतजार कर रहा।

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