नई दिल्ली। साड़ी न सिर्फ महिलाओं का एक सबसे मशहूर पारंपरिक परिधान है, बल्कि भारतीय महिलाओं खासतौर से शादीशुदा महिलाओं के लिये सांस्कृतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। सखी को वंदना की अलमारी में एक खूबसूरत साड़ी मिलती है, जिसे देखकर वंदना पुरानी यादों में खो जाती है। वंदन खुशी-खुशी वह साड़ी अपनी बेटी को दिखाती है और उसे बताती है कि यह साड़ी उसकी शादी की है और उसके लिये बेहद खास है, क्योंकि वह मायके की साड़ी है। सोनी सब के ‘वागले की दुनिया’ के आगामी एपिसोड्स में, सखी ‘मायके की साड़ी डे’ मनाने का एक बेहद प्यारा आइडिया देती है और उसके बाद जो होता है वह खूबसूरत और चौंकाने वाला, दोनों ही है।
सभी महिलायें अपनी साड़ियां पहनने और मायके की साड़ी डे मनाने के लिये बेहद उत्सुक हैं। सखी उन सभी के लिये एक अच्छे फैंसी रेस्टोरेंट में सीट्स रिजर्व कराती है। राधिका, वंदना, ज्योति और यामिनी अपनी-अपनी खूबसूरत साड़ियां पहनती हैं और अपने खास दिन का जश्न मनाने के लिये तैयार हैं, लेकिन रेस्टोरेंट की रिसेप्शनिस्ट उन सभी को रेस्टोरेंट के दरवाजे पर ही रोक देती है। उस रेस्टोरेंट के नियमों के अनुसार, साड़ी पहनकर रेस्टोरेंट में जाना मना है। महिलायें रेस्टोरेंट के इस नियम पर भड़क उठती हैं और दुखी होकर अपने घर लौट आती हैं। सखी रेस्टोरेंट जाने और रिसेप्शनिस्ट से बात करने का फैसला करती है, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रहती है और नियमों में कोई बदलाव नहीं करना चाहती, जिससे सखी गुस्सा हो जाती है और रेस्टोरेंट के बाहर धरने पर बैठ जाती है एवं “साड़ी में नारी, संस्कृति हमारी” के नारे लगाने लगती है।
क्या रिसेप्शनिस्ट सखी के लिए नियम को बदलेगी? रेस्टोरेंट के इस बेतुके नियम की वजह क्या है? जानने के लिये देखिये ‘वागले की दुनिया’ के आगामी एपिसोड्स। परिवा प्रणति, जोकि वंदना वागले का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत में साड़ियां बेहद खूबसूरती से बुनी गई हैं और शादीशुदा महिलाओं के लिये एक विशेष महत्व रखती हैं। भारत में दुल्हन की मां एक खास साड़ी अपनी बेटी को ससुराल ले जाने के लिये देती है, जिसमें मायके की भावनायें एवं प्यार छिपा होता है। जब सखी को मायके की साड़ी मिलती है, तो वंदना अपनी उन्हीं पुरानी एवं खूबसूरत यादों में खो जाती है।