Home पॉलिटिक्स क्या हेमंत की कुर्सी बचा पाएंगे भूपेश बघेल ?

क्या हेमंत की कुर्सी बचा पाएंगे भूपेश बघेल ?

झारखंड की राजनीति में लगा अब छत्तीसगढ़ का तड़का लग चुका है। झारखंड के विधायकों ने छत्तीसगढ़ में डेरा डाला है। भाजपा की नजर और पहुंच से बचाने के लिए हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात करके यह रणनीति बनाई है। बड़ा सवाल यह है कि क्या हेमंत अपनी कुर्सी बचा पाएंगे ?

नई दिल्ली। झारखंड में सियासी संकट और राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। बीते दिनों केंद्रीय चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने के लिए राज्यपाल को कहा है। उसके बाद से ही हेमंत सोरेन लगातार भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के विधायकों के खरीद-फरोख्त की बातें रांची से दिल्ली तक चल रही है। ऐसे में झारखंड के सत्ताधारी दलों के विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया गया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झारखंड के विधायक आए हैं और जिस तरह से भाजपा हॉर्स ट्रेडिंग कर रही है, ऐसी स्थिति में विधायकों को सुरक्षित रखने का फैसला किया है। वे छत्तीसगढ़ आए हैं, उनका स्वागत है।

राजनीतिक बयानबाजियों के बीच स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि कोई अनहोनी नहीं होगी। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्ता पक्ष तैयार है। रणनीति के तहत कार्य किए जा रहे हैं। उसी रणनीति की छोटी सी झलक पहले और आज सभी ने देखा, आगे भी कई चीजें देखने को मिलेंगी। राज्य में षड्यंत्रकारियों को जवाब सत्ता पक्ष तरीके से देगी। जिस देश का केंद्र सरकार राज्य सरकारों से लड़ाई कर रहा हो, वहाँ की लोकतांत्रिक सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा हो। उस देश का भविष्य क्या हो सकता है अंदाजा लगाया जा सकता है।

रांची में सत्ताधारी UPA की प्रेस कॉन्फ्रेंस, मंत्री बन्ना गुप्ता बोले- ‘केंद्र सरकार ने हमारी सरकार को अपमानित करने के लिए संवैधानिक संस्थाओं को पीछे लगाया है, ये लोकतंत्र का काला अध्याय’. केंद्र सरकार, राजभवन और भाजपा का षड्यंत्र हर कोई जानता है। इन झारखण्ड विरोधी ताकतों के मंसूबे कभी भी पूरा नहीं हो पायेंगे।

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