देश के शीर्ष पहलवान इस समय दिल्ली के जंतर मंतर पर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए, पुनिया और अन्य पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर कुछ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह खिलाड़ियों का मानसिक उत्पीड़न करते हैं और उनका यौन शोषण भी करते हैं।
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट सहित देश के शीर्ष पहलवानों ने राष्ट्रीय महासंघ की कथित “तानाशाही” के खिलाफ एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर चार घंटे तक धरना दिया।
विरोध करने वाले पहलवानों के समूह ने कहा कि वे सिंह के तरीके को स्वीकार नहीं करेंगे, जो उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भी हैं तथा वे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) चला रहे हैं। पहलवानों ने स्पष्ट किया कि विरोध खेल प्राधिकरण या सरकार के खिलाफ नहीं था, बल्कि केवल डब्ल्यूएफआई के सिंह के अध्यक्ष पद के खिलाफ था।
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट, सरिता मोर, संगीता फोगट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता सुमित मलिक उन 30 पहलवानों में शामिल थे, जो धरने के लिए एकत्र हुए थे।
वहीं बजरंग पुनिया ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा कि ये अब आर पार की लड़ाई है। “हमारी लड़ाई सरकार या भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के खिलाफ नहीं है। यह डब्ल्यूएफआई के खिलाफ है।“