बंगाल:देश के जाने माने दिग्गज नेता और पूर्व अटल सरकार के वित्त मंत्री ‘यशवंत सिन्हा’, बंगाल के तृणमूल कांग्रेस से अपने इस्तीफे की इच्छा के जताने को लेकर फिर से सुर्ख़ियों में हैं। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये अपनी बातों को रखते हुए कहा है कि- ‘ममता जी ने TMC में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है कि मैं एक बड़े उद्देश्य के लिए पार्टी से अलग हो जाऊं ताकि विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर सकूं। मुझे उम्मीद है कि ममता जी मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी।’ बता दें कि यह फैसला उस वक्त लिया गया है जब विपक्ष आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार की तलाश में लगा है।
जुलाई में देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में तेज़ी देखनों को मिल रही है, इसको लेकर जहाँ माजूदा सरकार अपने राजनीतिक कार्य करने में तटस्थ है वहीं विपक्ष की कार्यशैली में भी व्यस्तता देखने को मिलेगी। इस चुनाव में विपक्ष अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर भी थोड़ा विचाराधीन है।
वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि ममता बनर्जी, सिन्हा के नाम का प्रस्ताव विपक्ष को सुझा सकती हैं क्योंकि इस नाम को लेकर पहले ही तृणमूल की आंतरिक बैठक में सहमति जताई जा चुकी है। बता दें कि सिन्हा साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए थे तब उन्होंने भाजपा की ख़राब स्थितयों का हवाला देते हुए पार्टी छोड़ने का फैसला लिया था।
वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली में आज विपक्ष की बैठक में इनके नाम को लेकर चर्चा हो और अन्य सभी पार्टियों से सहमति जताने पर जोर भी दिया जाए। इससे पहले कश्मीर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फार्रुख अब्दुल्लाह, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और महात्मा गाँधी के पोते गोपाल कृष्ण गाँधी अपने नामों की उम्मीदवारी को लेकर इनकार कर चुके हैं।