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काफी विरोध के बाद साख बचाने की कोशिश में व्हॉट्सएप, नीतिगत बदलाव को 15 मई तक के लिए टाला

नई दिल्ली। सोशल चैटिंग नेटवर्क व्हॉट्सएप को लेकर भारत में खूब हो हल्ला हुआ। उपयोगकर्ताओं ने अपनी निजता को लेकर सवाल उठाए। राजनीतिक दलों ने भी इस मसले पर केंद्र सरकार से जवाब तलब की। उसके बाद सरकार हरकत में आती दिख रही है। अब व्हॉट्सएप की ओर से कहा गया है कि उसने नीति में बदलाव (अपडेट) को 15 मई तक के लिए टाल दिया है।

बता दें कि व्हॉट्सएप की हालिया निजता नीति बदलावों को लेकर भारत सहित वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दुनियाभर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि व्हॉट्सएप उपयोक्ताओं के डेटा को अपनी मूल कंपनी फेसबुक से साझा कर सकती है। भारत में भी उपयोगकर्ताओं ने यही चिंता जताई। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला कहते हैं कि हमारी टीम लगातार इस पर शोध कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बहुत जल्द इस पर केंद्र सरकार से बात करेंगे। हमें हर भारतीय और उसकी निजता की रक्षा करनी है।

दरअसल, यह घटनाक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत व्हॉट्सएप के लिए सबसे बड़े बाजारों में से है। भारत में व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है। व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘किसी का भी खाता आठ फरवरी को निलंबित या बंद नहीं किया जाएगा। हम व्हॉट्सएप पर निजता और सुरक्षा को लेकर फैली गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए और अधिक काम करेंगे। हम लोगों के पास नीति की समीक्षा के लिए धीरे-धीरे जाएंगे। 15 मई से नए कारोबारी विकल्प उपलब्ध होंगे।’’गौर करने योग्य यह भी है कि व्हॉट्सएप ने पिछले सप्ताह प्रयोगकर्ताओं को ‘इन-ऐप’ अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी थी। व्हॉट्सएप ने कहा था कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नयी शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी। बता दें कि व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों मसलन सिग्नल और टेलीग्राम के डाउनलोड में हालिया घटनाक्रमों के बीच काफी इजाफा हुआ है।

दूसरी ओर, एरिक्सन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारतीय प्रतिमाह औसत 12 जीबी डेटा का इस्तेमाल कर रहे थे। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। 2025 तक यह आंकड़ा 25 जीबी प्रतिमाह हो जाएगा। व्हॉट्सएप की प्रतिद्वंद्वी टेलीग्राम ने पिछले कुछ दिन में वैश्विक स्तर पर 2.5 करोड़ नए उपयोक्ता जोड़े हैं। हालांकि, उसने भारत के आंकड़े नहीं दिए हैं, लेकिन कहा है कि 38 प्रतिशत नए उपयोक्ता एशिया में जोड़े गए हैं। जानकार कहते हैं कि सिग्नल को भी अपनी सुगम और सरल सेवा शर्तों तथा निजता नीति की वजह से इस घटनाक्रम का फायदा होने की उम्मीद है।

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