Home पॉलिटिक्स किसान आंदोलन पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने !

किसान आंदोलन पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने !

यदि यह कहा जाए कि किसान आंदोलन को लेकर अब दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, तो यह गलत नहीं होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि स्टेडियम को जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मुझसे खफा है।

असल में, जैसे ही किसानों की भिडंत दिल्ली पुलिस से हुई थी, उसके बाद केंद्र सरकार की ओर से निर्णय लिया गया कि अस्थायी जेल के रूप में दिल्ली के नौ स्टेडियम का उपयोग किया जाए। लेकिन, दिल्ली सरकार के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से इसके लिए साफ मनाही कर दी गई। अब ताजा बयान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पास कृषि कानूनों को रोकने के लिए कई अवसर थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जाहिरतौर से है कि केजरीवाल केंद्र सरकार के साथ जाते नहीं दिख रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मैं किसानों से अपील करता हूं कि कानून उनके हित में है और उसमें यह संशोधन लंबे इंतजार के बाद किए गए हैं, लेकिन अगर उन्हें इस पर कोई आपत्ति है तो हम उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार हैं।

दूसरी ओर, लोक संघर्ष मोर्चा की नेता प्रतिभा शिंदे ने कहा कि हम कल महाराष्ट्र के हर जिले में और गुजरात में पांच दिसंबर को केंद्र के विरोध में पुतले दहन करेंगे। कल सरकार के लिए अंतिम मौका है कि वह कानूनों को निरस्त करने का निर्णय ले अन्यथा यह आंदोलन बहुत बड़ा हो जाएगा और सरकार गिर जाएगी।

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