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Kumbh Mela : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लगाया आरोप, कुंभ के नाम पर लूट जारी

जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने का कहना है कि कोरोना के नाम पर श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने से रोका जा रहा है। यदि कोरोना का डर है, तो तमाम राजनीतिक रैलियों को भी बंदर कर दिया जाए।

हरिद्वार। कुंभ मेला 2021 के आयोजन में अनियमितताओं को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज (Swami Avmukteshranand Maharaj) ने कहा कि कुंभ (Kumbh 2021) के नाम पर लूट जारी है लाखों करोड़ों खर्च करने के बावजूद भी कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। उल्टा करोना महामारी के नाम पर श्रद्धालुओं को हरिद्वार (Haridwar) आने से रोका जा रहा है। सरकार एवं मेला प्रशासन का यह निर्णय आमजन भावना के विपरीत है। सरकार एवं मिला प्रशासन कोई भगवान नहीं है जो लोगों के भाग्य का फैसला करें। अगर सरकार भगवान है तो वह कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की भी उसी प्रकार रक्षा करें जिस प्रकार व राजनीतिक रैलियों में शामिल होने वाले लोगों की रक्षा करती है। अगर ऐसा नहीं है तो लोगों को कुंभ में नियमों के साथ आने की छूट प्रदान करें

कुंभ मेला (Kumbh Mela) क्षेत्र में स्थित नील धारा टापू पर बने शंकराचार्य शिविर में पत्रकार वार्ता के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने सरकार, राज्य सरकार और मेला प्रशासन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कुंभ के नाम पर लूट जारी है। यात्रियों को कुंभ में आने से रोका जा रहा है। राजनीतिक रैलियों में धन का लालच देकर लोगों को बुलाया जा रहा है। वहीं धार्मिक आयोजनों पर पाबंदिया लादी जा रही है। सरकार के इस दोहरै रवैये से साफ जाहिर होता है कि धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाने के लिए करोना का सहारा लिया जा रहा है। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार और मेला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये।

उन्होने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि करोना राजनैतिक नहीं है। इसीलिए राजनैतिक रैलियों में शामिल लोगों को प्रभावित नहीं करता। करोना का धार्मिक से संबंध है। इससे वह धार्मिक आयोजनों शामिल होने वाले लोगों को ही प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण लाकडाउन में भी शराब की दुकाने खुली रही वहीं मंदिरों पर ताले लटके रहे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि कुम्भ का आयोजन 12 साल के अंतराल पर आयोजित होता हैं। जिसमे करोडो लोग आस्था की डुबकी लगते हैं।

बता दें कि महाकुम्भ (Mahakumbh) मे गंगा में एक डुबकी लगाने का पुण्य गंगा में अन्य दिनों में 1000 बार डुबकी लगाने के बराबर होता। कुंभ स्नान के लिए लोग 12 वर्षो का इंतजार करते है। लेकिन कुंभ सरकार की मंशा कुंभ स्नान कराने की नहीं हैं। मेला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए स्वामी ने कहा कि करोना के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है। लोगो में भ्रम फैलाया जा रहा हैं, जिससे लोग महा कुम्भ में न आये। मेला प्रशासन पाप कर रहा हैं । उन्हें रोड़ा अटकाने के स्थान पर समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने बताया कि नीलधारा में स्थित शिविर मेें शुक्रवार 2 अप्रैल अति हरिहर यज्ञ का शुभारंभ हुआ है। 131 ब्राह्मणों के द्वारा 30 लाख आहुती डाली जाऐंगी।

आचार्य सुनील दीक्षित अपने विद्वान ब्राह्मणो के साथ प्रारम्भ करेंगे। इसके उपरांत 13 अप्रैल से चंडी महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें 351 ब्राह्मण धनंजय शस्त्री के आर्चायत्व में यज्ञ करेंगे। इसके बाद तीन दिन का अनुष्ठान भी किया जायेगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज (Swami Avmukteshranand Maharaj) ने बताया कि शुक्रवार दो अप्रैल को जगद्गुरु शंकराचार्य मेरठ से हरिद्वार आ गए हैं। वे कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में ठहरे हंै। आगामी 8 अप्रैल को मंगल प्रवेश यात्रा में ढोल, नगाड़ो , बेंड, बाजो के साथ कुंभ मेला शिविर में प्रवेश करेंगे।

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