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COVID19 Politics : दिल्ली में कोरोना ही नहीं, राजनीति का भी है पूरा जोर

मंत्रियों, जजों और अन्य वीवीआईपी के लिए सरकारें प्राथमिकता के आधार पर सारी व्यवस्था तुरंत कर देती है। इसका सबसे बड़ा नमूना देश की राजधानी में ही सामने आया है।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना (Covid in Delhi) का पूरा जोर है। जनता त्राहिमाम कर रही है। नेता अब भी राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुरूआत में केंद्र सरकार के सिर ठीकरा फोडा। अब उन्होंने एक तरह से स्वयं को केंद्र सरकार के आगे सरेंडर कर दिया है।

पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर (Goutam Gambhir) दिल्ली सरकार की कार्यशैली की आलोचना करते हुए कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल से दिल्ली नहीं संभलेगी। पिछले साल भी हाथ खड़े कर दिए, अब भी हाथ खड़े कर दिए। ऑक्सीजन नहीं, ऑक्सीजन टैंकर नहीं, अस्पतालों में बेड नहीं, कोविड सेंटर नहीं हैं। हाई कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि जल्द फैसला लें क्योंकि दिल्ली की जनता मर रही है।

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejrwial) ने कहा कि अगले एक महीने में हम ऑक्सीजन के 44 प्लांट लगाने जा रहे हैं, इसमें 8 प्लांट केंद्र सरकार लगा रही है। उम्मीद है कि ये 8 प्लांट 30 अप्रैल तक तैयार हो जाएंगे। 36 प्लांट दिल्ली सरकार लगा रही है इसमें से 21 प्लांट फ्रांस से आ रहे हैं, बाकी 15 प्लांट हमारे देश के हैं।

देश भर में कोरोना मरीज अस्पताल/बिस्तर, ऑक्सीजन और दवाओं के बिना तड़प तड़प कर मर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर मंत्रियों, जजों और अन्य वीवीआईपी के लिए सरकारें प्राथमिकता के आधार पर सारी व्यवस्था तुरंत कर देती है। इसका सबसे बड़ा नमूना देश की राजधानी में ही सामने आया है। दिल्ली सरकार की एसडीएम गीता ग्रोवर ने इस बारे में 25 अप्रैल को आदेश जारी किया। आदेश में बताया गया है कि हाईकोर्ट के जजों, न्यायिक अधिकारियों और उनके परिजनों के लिए कोविड हेल्थ केयर सेंटर बनाने का अनुरोध हाईकोर्ट द्वारा किया गया। जिसके बाद आपदा प्रंबधन एक्ट के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करके एसडीएम ने अशोक होटल के सौ कमरों को कोविड हेल्थ सुविधा (अस्पताल) के रुप में तब्दील करने का आदेश जारी किया।

पता चलता है कि सरकार यानी नेताओं की नजर में सिर्फ़ वीवीआईपी, मंत्रियों, जजों और नौकरशाहोंं की जान का मूल्य है और आम लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है।अस्पताल में प्रधानमंत्री, मंत्रियों आदि के लिए तो कमरे/ बेड रिजर्व रखे ही जाते है। अब दिल्ली हाईकोर्ट के जजों और उनके परिजनों के इलाज के लिए दिल्ली सरकार ने पांच सितारा अशोक होटल (Ashok Hotel) के 100 कमरों को अस्पताल में तब्दील कर दिया है।

चाणक्य पुरी स्थित प्राइमस अस्पताल (Primus Hosptial)के डाक्टरों को जजों और उनके परिजनों के इलाज और देख रेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अस्पताल द्वारा डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस का इंतजाम किया जाएगा। होटल द्वारा कमरे, साफ सफाई और भोजन की व्यवस्था की जाएगी। अस्पताल और होटल के बीच समन्वय के लिए एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार मीणा को जिम्मेदारी दी गई हैं। इस आदेश का पालन न करने पर आपदा प्रबंधन एक्ट, महामारी एक्ट और आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई करनी की चेतावनी भी आदेश मेंं दी गई है।

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