Home राष्ट्रीय बिहार में विकराल हो सकता इस बार बाढ

बिहार में विकराल हो सकता इस बार बाढ

बिहार और बाढ मानो एक दूसरे के पूरक हो। बारिश और नेपाल की नदियों में जलस्तर बढने के कारण अभी से लोग चिंतित है। न जाने इस साल बाढ कैसा रूप अख्तियार करेगा।

पटना। जिस प्रकार से नेपाल की नदियां उफान पर है और राज्य में लगातार बीते महीने से बारिश हो रही है, उससे लोगों की चिंता बढी है कि इस बार बाढ विकराल रूप धारण करेगा। जून महीने में भी खेतों में पानी भरा हुआ है। नदियों की जलस्तर बढी हुई है। वैसे, राज्य सरकार की ओर से अभी से तैयारियां की जा रही हैं।

असल में, बिहार में बाढ हर साल की बात है। यह कोई नई बात नहीं है। कोशी, गंडक, बेलवा, बागमती आदि नदियां हर साल तबाही लाती है। उत्तर बिहार के लोग इसको अपनी नियति मान चुके हैं। लोगों का कहना है कि इस साल यास चक्रवात के कारण जो बारिश शुरू हुई है, उसके बाद से लगातार बारिश हो रही है। अभी तो सावन में बारिश का होना बाकी है।

चिंता की बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश में बारिश से नदियां उफान पर है। इसका असर बिहार में होना तय है। भारी बारिश के कारण बरेली में कई जगहों पर जलभराव हो गया।बिजनौर में पुलिस ड्रोन के जरिए लोगों को बाढ़ के खतरे से आगाह कर रही है। बिजनौर SP ने बताया, हरिद्वार से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे पानी बढ़ गया। 30 लोगों को नाव से रेस्क्यू किया गया। लोग बाढ़ वाले इलाके में ना जाए। हम ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इतना ही नहीं, नेपाल में भी बारिश हो रही है। नेपाल की नदियों में पानी बढ रहा है। वहां की नदियां बिहार में हर साल तबाही लाती है। इसके लिए दशकों से भारत और नेपाल के बीच सरकारी फाइलों में बात होती है, लेकिन नतीजा नहीं निकलता है। इसकारण अभी से माहौल देखकर लोग जानमाल की चिंता से दुबले हुए जा रहे हैं।

पश्चिम और पूर्वी चम्पारण में गंडक और बूढ़ी गंडक लगातार तबाही मचा रही है। सुगौली प्रखंड व नगर पंचायत के नये इलाके में बूढ़ी गंडक का पानी प्रवेश कर गया है। सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान 52.23 मीटर से दो मीटर नीचे 50.23 मीटर पर बह रही है।

बिहार सरकार के जलसंसाधन मंत्री संजय झा की ओर से कहा जा रहा है कि हमारा विभाग लगातार स्थितियों पर नियंत्रण बनाए हुए हैं। हमने बीते सालों में भी तटबंध आदि को दुरूस्त कराया है। राज्य सरकार हर स्तर पर राहत अभियान चलाती आई है। हमें जानमाल की पूरी चिंता है।

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