लखनउ। हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की पुलिस के सामने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की सबसे अधिक चुनौती है। ऐसे में जैसे ही उन्नाव में बच्चियों के बेहोश होने की बात जंगल की आग की तरह फैली, उसके बाद पूरा सरकारी अमला हरकत में है।
स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनपद उन्नाव की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। DGP उत्तर प्रदेश को प्रकरण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं। अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर एवं नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।
जनपद उन्नाव की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।@dgpup को प्रकरण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं।
अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर एवं नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 18, 2021
वहीं, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस द्वारा 6 टीमें गठित की गई हैं। इसका पर्यवेक्षण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। उन्नाव में 3 बच्चियों के खेत में बेहोश मिलने की घटना पर एस.के. शुक्ला, सीओ हसनगंज ने कहा कि घटना स्थल पर छानबीन कर रहे हैं, छोटी-छोटी चीजें देखी जा रही हैं। कोई सबूत ऐसा मिले जिससे विवेचना में सहयोग हो, इसके लिए हम छानबीन कर रहे हैं।
बता दें कि उन्नाव जिले के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में बुधवार रात तीन नाबालिग दलित लड़कियां खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं। इनमें दो लड़कियों की मौत हो चुकी थी जबकि तीसरी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। उन्नाव जनपद के नौ थानों की पुलिस फोर्स गांव में तैनात है। इसके साथ ही 19 दरोगाओं, 70 मुख्य आरक्षी, 30 सिपाहियों की अतिरिक्त तैनाती की गई। वहीं, पीड़िता के गांव में कई लोग धरने पर बैठे हुए हैं। इनके साथ मौजूद सपा कार्यकर्ता घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
उन्नाव के डीएम रवीन्द्र कुमार ने रीजेंसी अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखकर बताया है कि रोशनी के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। रोशनी का इलाज मुख्यमंत्री राहत कोष से कराया जाएगा। उन्नाव की दोनों दलित नाबालिग लड़कियों का पोस्टमार्टम हो चुका है। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि दोनों लड़कियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई है। दोनों ने मौत से करीब 6 घंटे पहले खाना खाया था। दोनों के पेट में 100 से लेकर 80 ग्राम तक खाना मिला है। खाने में जहर होने की वजह से मौत हो गई।