नई दिल्ली। पिछले 2-3 सालों में, देश के टियर I और टियर II शहरों में आवास बाजार की मांग में तेजी देखने को मिली है। डेवलपर्स को उम्मीद है कि 2024 में भी यह तेजी जारी रहेगी। क्रेडाई और कोलियर्स द्वारा अप्रैल-मई 2024 के दौरान किए गए डेवलपर सेंटीमेंट सर्वे के मुताबिक सर्वे में शामिल डेवलपर्स में से लगभग आधे 2024 में आवासीय मांग में उछाल आने को लेकर आश्वस्त हैं। मजबूत मांग के बीच, पूरे भारत में लगभग 52% डेवलपर्स को उम्मीद है कि 2024 में आवास की कीमतें बढ़ेंगी। 2023 के दौरान, देश के आठ बड़े शहरों में आवास की कीमतों में औसतन 9% की वार्षिक बढ़त देखने को मिली है। यह रुझान 2024 की पहली तिमाही में 10% वार्षिक ग्रोथ के साथ कायम रहा और साल के बाकी बचे हिस्से में भी तेजी जारी रहने की संभावना है, हालांकि यह ग्रोथ बहुत तेज नहीं होगी लेकिन इसमें स्थिरता रहेगी।
क्रेडाई के प्रेसिडेंट बोमन ईरानी ने कहा, “भारत की 2030 तक 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट की क्रांतिकारी शक्ति और प्रभाव से प्रेरित है। पिछली कुछ तिमाहियों में रियल एस्टेट सेक्टर की मजबूत ग्रोथ और इस सेक्टर में हुई खरीद-फरोख्त की मात्रा में बढ़त का असर भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा दर्ज की गई मजबूत तिमाही जीडीपी ग्रोथ में भी देखने को मिली है। अब हम 2024-25 के फाइनेंशियल बजट के करीब पहुंच रहे हैं। “रियल एस्टेट डेवलपर्स सेंटीमेंट सर्वे 2024” को क्रेडाई के डेवलपर मेंबर्स के मजबूत नेटवर्क का बड़ा फायदा मिलता है। यह इंडेक्स भारत में मौजूदा रियल एस्टेट इको-सिस्टम की स्थिति को बेहतर बनाने और ‘विकसित भारत’ के सामूहिक लक्ष्य की दिशा में एकजुट रूप से निर्णय लेने के लिए उनके व्यावहारिक नजरिए को शामिल करता है। इस सर्वे से पता चलता है कि वर्तमान डेवलपर सेंटीमेंट काफी हद तक सकारात्मक बना हुआ है। सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा डेवलपर्स ने 2024 में बाजार की वर्तमान तेजी बने रहने उम्मीद जताई है। हालांकि, डेवलपर्स को नई सरकार से निर्माण की बढ़ती लागत से निपटने और टैक्स को तर्कसंगत बनाने की उम्मीद है। 50% से ज्यादा डेवलपर्स इसके लिए सकारात्मक समाधान चाहते हैं।”
रियल एस्टेट डेवलपर्स सेंटीमेंट सर्वे 2024 रिपोर्ट में 2023 में आवासीय खंड के प्रदर्शन और 2024 में आवास बाजार की संभावित दिशा के बारे में डेवलपर्स का आकलन पेश किया गया है। इसमें भारत भर के 18 राज्यों के 550 से अधिक उत्तरदाताओं की प्रतिक्रियाओं को शामिल किया गया है और स्ट्रेटिफाइड सैंपलिंग मेथड (स्तरीकृत नमूनाकरण पद्धति) का इस्तेमाल करके इन आंकडों का विश्लेषण किया गया है।