सहरसा। मधेपुरा की सुदामा देवी को मौत के मुंह से सहरसा के भेरदरी स्थित निंती कार्डियक केयर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने निकाल लाया। उन्हें हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें निंती कार्डियक केयर लाया गया, जहां एंजियोग्राफी में हृदय के धमनियों में ब्लॉकेज पाया गया। जिसके बाद तुरंत उनका एंजियोप्लास्टी कर बंद धमनियों को खोला गया। और इस तरह उनकी जान बच सकी।
जानकारी के मुताबिक सुदामा देवी को अचानक से सीने में दर्द होने लगा। कभी कम तो कभी बहुत ज्यादा दर्द से जब वह परेशान हो गईं तो उन्होंने अपने घरवालों को बात बताई। उन्हें ना तो बीपी की शिकायत थी, ना ही शुगर और कोलेस्ट्रॉल ही था। इसलिए घबराने जैसी बात नहीं लग रही थी, लेकिन लगातार हो रहे दर्द के कारण परिजन उन्हें तत्काल डॉक्टर के पास ले गए। प्राथमिक जांच ईसीजी और इको के बाद हर्ट अटैक की पुष्टि हुई। तब उन्हें सहरसा के भेरदरी स्थित निंती कार्डियक केयर (महावीर नगर) लाया गया।
यहां इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गिरिजाशंकर झा ने बताया कि एंजियोग्राफी से पता चला कि तीन आट्र्री (धमनी) में ब्लॉकेज है। प्रमुखतया ऑब्ट्यूज मार्रिजनल (ओएम) में 80 प्रतिशत जबकि आरसीए (राइट कोरोनरी आट्र्री) में 90 प्रतिशत तक ब्लॉकेज था। हमलोगों ने स्टेंट लगाकर ब्लॉकेज को ठीक किया गया। तीसरी आट्र्री में लगभग 70 प्रतिशत तक ब्लॉकेज था। हमने उन्हें सर्जरी के बजाय पीटीसीए कराने की सलाह दी। स्टेंट लगाने के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ और सीने का दर्द कम हो गया। अब वह पूर्णतया स्वस्थ हैं।
डॉक्टर के मुताबिक मरीज को किसी भी तरह की समस्या नहीं थी। ना तो बीपी, शुगर की शिकायत थी, ना ही उन्हें कोलेस्ट्रॉल ही था। सीने में केवल दर्द हुआ। हर्ट अटैक किसी को भी आ सकता है, इसलिए सीने में अगर दर्द का अनुभव हो तो तत्काल डॉक्टर के पास आएं और ईसीजी और ईको कराएं, ताकि शुरुआत में ही इसका पता चल जाए।