नई दिल्ली। गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने हाल ही में संसद में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति नफरती मानसिकता को उजागर कर एक बड़ा राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। बाबा साहेब, जो भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पकार और सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं, उनके प्रति कांग्रेस का दृष्टिकोण हमेशा ही विवादास्पद रहा है। अमित शाह ने अपने वक्तव्य में इतिहास की उन घटनाओं को रेखांकित किया, जो कांग्रेस के रवैये को स्पष्ट करती हैं।
श्री अमित शाह ने बताया कि कैसे कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को हमेशा हाशिए पर रखने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सामाजिक न्याय की दिशा में बाबा साहेब के प्रयासों को बाधित करने की कोशिश की। इसके अतिरिक्त, उनके संसद में दिए गए भाषण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहेब के योगदान को कभी सम्मानजनक स्थान नहीं दिया।
अपने ही अक्स से आतंकित होना स्वाभाविक है. कांग्रेस अपनी निर्लज्जता को ढकने के लिए कुछ न कुछ करती है.अम्बेडकर अम्बेडकर अम्बेडकर यह एक मंत्र है. इस मंत्र के बिना भारत के जनतंत्र की कोई कल्पना नहीं की जा सकती है, भाजपा को अम्बेडकर से प्रेम है लेकिन अम्बेडकरवाद से दूरी है।
कार्ल मार्क्स ने एक बार कहा था कि मैं एक मार्क्स हूँ मार्क्सवाद नहीं। जहां वाद है, वहां विवाद है। बाबा साहेब के नाम पर सत्ता का बाजार सजाने वाले अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकरवाद चला रहे हैं। हमारे लिए अम्बेडकर कोई वाद नहीं, बल्कि निर्विवाद हैं।
गृह मंत्री द्वारा कांग्रेस की इस मानसिकता को उजागर करने के बाद, कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का एक नया अभियान शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस समर्थकों ने गृह मंत्री के भाषण को संदर्भ से काटकर और अपनी सुविधा अनुसार संपादित कर एक अलग तस्वीर पेश करने का प्रयास किया।
अमित शाह जी ने अपने बयान में “क्लिप कटुआ गिरोह” का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया, जो तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने में माहिर है। कांग्रेस का यह रवैया न केवल जनता को गुमराह करता है बल्कि सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर भी सवाल खड़ा करता है।
गृह मंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों और विचारों को सच्चे अर्थों में सम्मान देने की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हमेशा उनके विचारों को आत्मसात कर समाज के हर वर्ग को सशक्त करने की दिशा में काम किया है। अमित शाह के अनुसार, कांग्रेस का असली चेहरा सामने लाना जरूरी है, ताकि बाबा साहेब के सपनों का भारत बनाने में कोई रुकावट न आए।
अमित शाह ने अपने वक्तव्य में जनता से अपील की कि वे कांग्रेस की नफरती मानसिकता और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की प्रवृत्ति से सतर्क रहें। उन्होंने बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए समाज में एकजुटता और जागरूकता की जरूरत पर बल दिया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 31 घंटे तक चली इस चर्चा में 80 से ज़्यादा सांसदों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं, वहां से महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई देती है जब भारत माता अपने दैदीप्यमान और ओजस्वी स्वरूप से खड़ी होगी तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएंगी और पूरी दुनिया भारत की ओर देखेगी। उन्होंने कहा कि उस दिन के नज़दीक आने का सफर हमने काफी हद तक पूरा कर लिया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि हमारा संविधान, संविधान सभा और संविधान की रचना की प्रक्रिया दुनिया के सभी संविधानों में अनूठी है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां दुनिया का सबसे ज़्यादा विस्तृत और लिखित संविधान, चर्चा के हमारे पारंपरिक लक्षणों के साथ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस संविधान सभा में 299 सदस्य थे, 22 धर्मों, जातियों और समुदायों के सदस्य थे, हर प्रिंसली स्टेट और राज्य का प्रतिनिधित्व था। उन्होंने कहा कि एक प्रकार से समावेशी प्रतिनिधित्व के साथ भारत का भविष्य तय करने, यानी संविधान की रचने की हमारी प्रक्रिया आगे बढ़ी। श्री शाह ने कहा कि 2 साल, 11 माह और 18 दिन तक अनवरत विस्तृत चर्चा चली और देश के भविष्य, देश चलाने के नियम और देश की परंपरा को समाहित करते हुए देश को आगे ले जाने का संकल्प बना। उन्होंने कहा कि 13 समितियों में कार्य विभाजन किया गया, 7 सदस्यीय ड्राफ्टिंग समिति बनी और शायद ही दुनिया का कोई ऐसा संविधान होगा जिसका ड्राफ्ट जनता को कमेंट्स के लिए दिया गया हो। उन्होंने कहा कि इतनी गहरी लोकतांत्रिक परंपरा और प्रक्रिया से बना हमारा संविधान, 295 अनुच्छेदों, 22 भागों और 12 अनुसूचियों में बंटा है और ये सभी विश्व के किसी भी संविधान से अधिक उदार मानव मूल्यों का सृजन करने वाले रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि हमें इस पर गर्व है और हम सभी इसे हमेशा मस्तक झुकाकर प्रणाम करते हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे संविधान में भगवान राम, बुद्ध, और महावीर, दसवें गुरू गोविंद सिंह के भी चित्र मिलेंगे। इसके साथ साथ, गुरुकुल के माध्यम से हमारी शिक्षा नीति कैसी होनी चाहिए, इसका संदेश भी मिलता है। इसी प्रकार, भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण को एक प्रकार से हमारे अधिकारों का चित्रण करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि भगवत गीता के संदेश के चित्र, शिवाजी महाराज और लक्ष्मीबाई को भी संविधान में स्थान देकर देशभक्ति का पाठ हमें सिखाया गया है। श्री शाह ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति का स्मरण कराता है और नटराज जीवन में संतुलन के सिद्धांत को इंगित करते हैं। श्री शाह ने कहा कि अगर संदेश लेना नहीं आता तो संविधान का भी कोई उपयोग नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सारे चित्र हमारे हज़ारों साल पुराने भारतवर्ष के जीवन को उद्घोषित करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कोई ये न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल है। उन्होंने कहा कि हमने हर संविधान का अभ्यास ज़रूर किया है क्योंकि हमारे ऋगवेद में कहा गया है कि हर कोने से हमें अच्छाई और शुभ विचार प्राप्त हों और इसे स्वीकारने के लिए हमारा मन खुला हो।
श्री अमित शाह ने कहा कि पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी संविधान को सिर्फ शब्दों में छापा है और चित्रों को निकाल दिया है, उन्होंने संविधान की भावनाओं के साथ छल किया है। श्री शाह ने कहा कि हमारी संविधान सभा के सदस्यों, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ बीआर अंबेडकर, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू, श्री काटजू, के टी शाह, आयंगार, मौलाना आज़ाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉ राधाकृष्णन, के एम मुंशी जैसे विद्वानों ने अनेक चर्चाओं में हिस्सा लेकर संविधान को समद्ध और संपूर्ण बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों के अलावा, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, महात्मा गांधी, गोपाल कृष्ण गोखले, तिलक जी, वीर सावरकर, लाला लाजपतराय के साथ-साथ राष्ट्र, लोकतंत्र और हमारी परंपराओं में उच्च मूल्यों को स्थापित करने वाले हर महापुरुष की भावनाओं का उल्लेख कर किसी न किसी सिद्धांत को इसमें स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि जिस संविधान में इतने सारे मनीषियों के अच्छा विचार हों, उसे सफल होना ही था।
गृह मंत्री श्री अमित शाह का यह बयान ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल कांग्रेस की मानसिकता को उजागर करता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत को सुरक्षित और सशक्त बनाना हर भारतीय का कर्तव्य है। कांग्रेस द्वारा क्लिप कटिंग और भ्रामक प्रचार के इस दौर में, जनता को सतर्क रहकर सत्य को पहचानने की आवश्यकता है। भाजपा इतिहास बदलने के लिए नहीं, बल्कि नया इतिहास गढ़ने के लिए खड़ी है। बाबासाहेब की विरासत ही भारत की विरासत है। जो सवाल राष्ट्रीय थे, उसे कांग्रेस ने दलितों का सवाल बना दिया। जबकि दलितों के सवाल देश के सवाल थे