Vastu अपनाएं बिना तोड़-फोड़ के, बातें छोटीं पर देगी अपार सफलता

दैनिक जीवन में इन वास्तु टिप्स को अपनाएं, फिर देखें कैसे आपके पास आएगी और स्थाई रहेगी सफलता।

नई दिल्ली। आज के परिवेश में समुचित आवास की व्यवस्था न होने के कारण भी वास्तु दोष का हम स्वतः निर्माण कर लेते हैं, इसमें सर्वप्रथम हमारे रहने के कुछ तरीकों के चयन से प्रारंभ करते हैं, जिससे स्वास्थ्य के साथ-साथ समृद्धि की भी हानि होती है ।

स्टडी टेबल और भोजन

प्रायः विद्यार्थी अपनी स्टडी टेबल पर ही नाश्ता अथवा भोजन कर लेते हैं । वास्तु शास्त्र के अनुसार, शिक्षा के लिए ऐसा करना उचित नहीं है। स्टडी टेबल को विद्या की देवी सरस्वती के प्रतीक रूप में देखा जाता है। इस पर भोजन करने से शिक्षा में अपवित्रता की भावना उपजती है ।

बेड पर सिर्फ सोना

विद्यार्थी जिस बेड का प्रयोग शयन हेतु करते हैं, प्रायः उसका प्रयोग अध्ययन के लिए भी करते हैं । ऐसा करना भी शुभ नहीं माना जाता है। अध्ययन के लिए शयन से अलग स्थान होना चाहिए ।

लिविंग रूम में रखें पौधे

घर को हरा-भरा रखने के लिए पौधों के गमले रखना उचित नहीं माना जाता । रात्रि में पौधे कार्बन-डाई-ऑक्साइड के रूप में नकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं। अतः पौधों का उचित स्थान घर का लीविंग रूम ही कहा जा सकता है ।

लाइट हो पर्दे

हवा और प्रकाश के लिए घर में समुचित खिड़कियां रखना बेहद जरूरी है, जो वास्तु सम्मत हो। ध्यान रहे कि घर की खिड़कियों को भारी-भरकम पर्दों से ढककर न रखा जाए, बल्कि यथासंभव इन्हें खोलकर रखा जाए ताकि सकारात्मक और प्राणिक वायु का संचार घर में हरदम बना रहे और भरपूर प्रकाश भी अंदर आ सके।

जो जहां, वहीं रखें

प्रायः घर के सदस्य कोई भी चीज उठाकर किसी भी स्थान पर रख देने में संकोच नहीं करते। डाइनिंग टेबल पर किताबें, फोन, अखबार और दवाइयां आदि चीजें रखी रहती हैं । वास्तु के अनुसार, यह सर्वथा अनुचित है । इससे हमारा वास्तु प्रभावित होता है ।

टूटे बर्तन और बंद नहीं हो घड़ी

किचन में झाड़ू, पोंछा और टूटे बर्तन भी वास्तु दोष को बढ़ावा देते हैं। अतः इन्हें भी यथास्थान पर ही रखें।इघर के किसी भी भाग में बंद घड़ी का रखना भी अशुभ है और यह गंभीर वास्तुदोषों में से एक है। घड़ी को यथासंभव शीघ्र ही ठीक कराकर यथास्थान लगाएं ।