Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : नागदा खाचरौद में बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गहराया आक्रोश

उज्जैन। मध्य प्रदेश में उज्जैन संभाग को बीजेपी के लिए सबसे अनुशासित और समर्पित माना जाता हैं। मगर वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता। बीजेपी ने विगत दिनों जैसे ही नागदा खाचरौद विधानसभा सीट से डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान को प्रत्याशी घोषित किया तो वैसे ही उनके विरोध में बीजेपी के हजारों कार्यकर्ता खड़े हो गए। डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान के खिलाफ पार्टी के जिला संगठन में इतनी कलह मच गई कि खाचरौद से 9 और नागदा से 17 बीजेपी पार्षदों ने अपना इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं बीजेपी प्रत्याशी के विरोध में 2 जिला पंचायत सदस्यों, 35 सरपंचों, 3 मंडल अध्यक्षों और दर्जन भर से अधिक ब्लॉक सदस्यों ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। माना जा रहा था पार्टी नागदा खाचरौद विधानसभा सीट से किसी गुर्जर उम्मीदवार को टिकट देने वाली थी। पार्टी के आतंरिक सर्वेक्षण में भी यह बात उभर कर आई थी। नागदा से कांग्रेस के वर्तमान विधायक दिलीप सिंह गुर्जर को शिकस्त देने के लिए शीर्ष नेता किसी गुर्जर उम्मीदवार को ही इस सीट से उतारने के पक्षधर थे।
पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से वरिष्ठ नेताओं ने भी प्रदेश संगठन को इस आश्य हेतु गंभीरता से अवलोकन करने को कहा था। मगर प्रदेश के नेताओं ने केंद्रीय नेताओं की सलाह को नजरअंदाज करते हुए अपनी मनमर्जी से ऐसे प्रत्याशी का चयन किया जिनके खिलाफ चुनाव से पहले ही बगावत खड़ी हो गई। नागदा खाचरौद के बीजेपी नेताओं का कहना हैं कि पार्टी ने इस बार भी यह सीट कांग्रेस को थाली में रखकर परोसने का काम किया है। बीजेपी में बढ़ते असंतोष का आलम यह हैं कि इलाके के गुर्जर मतदाता भी असमंजस की स्थिति में है। नागदा से दिलीप सिंह गुर्जर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक है जो लगातार 3 बार कांग्रेस से और 1 बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी जीत दर्ज करा चुके है। इसलिए इस सीट पर गुर्जर समुदाय की ताकत को समझा जा सकता है। अगर नागदा में गुर्जर मतदाताओं की बात करें तो इस विधानसभा सीट पर 30 हजार से ज्यादा गुर्जर मतदाता है। वर्तमान कांग्रेस के विधायक के खिलाफ जनआक्रोश को देखते हुए माना जा रहा था कि बीजेपी इस बार गुर्जर समुदाय के व्यक्ति को ही मैदान में उतारेगी। मगर पार्टी ने राजपूत उम्मीदवार की घोषणा करके एक बार फिर कांग्रेस को वॉक ओवर देने का काम किया है।
बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ बढ़ते आक्रोश को देखते हुए जिला संगठन ने प्रदेश संगठन को संपूर्ण स्थिति से अवगत करा दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कार्यकर्ताओं के दवाब और जनभावना को देखते हुए पार्टी अपने निर्णय पर नए सिरे से विचार कर सकती हैं।