ज़ी सिनेमा पर ‘सीने में हिंदुस्तान’ के साथ मनाइए 15 August

नई दिल्ली। ज़ी सिनेमा इस खास ऐतिहासिक दिन को ‘सीने में हिंदुस्तान’ के साथ मना रहा है, जो भारत के बेमिसाल जज़्बे को समर्पित एक विशेष फिल्म मैराथन है। 14 अगस्त, रात 10 बजे से 15 अगस्त तक, पूरे दिन ज़ी सिनेमा पर ट्यून करें और वीरता, बलिदान और मातृभूमि के प्रति प्रेम के इस सफर पर चल पड़ें।

शुरुआत करते हैं पिप्पा से, जो एक वॉर ड्रामा है, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता के साहस के सफर को दर्शाता है। ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर अभिनीत यह फिल्म गरीबपुर की महत्वपूर्ण लड़ाई को दर्शाती है, जिसमें बहादुरी, रणनीति और देशभक्ति की बेमिसाल झलक देखने को मिलती है।‌ इसमें मेहता ने एक ऐतिहासिक टैंक युद्ध में अपने सैनिकों का नेतृत्व किया था, जिसने बांग्लादेश की आज़ादी को खास तौर पर प्रभावित किया था। इस फिल्म का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर 14 अगस्त को रात 10 बजे होगा।

इस फिल्म के प्रीमियर पर ईशान खट्टर ने कहा, “एक एक्टर और एक इंसान के तौर पर पिप्पा में ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता का किरदार निभाना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है।‌ यह एक यादगार अनुभव रहा। 1971 के भारत-पाक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक इंसान के साहस और असाधारण प्रतिभा को सामने लाकर, मेरे मन में हमारे सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों के प्रति सम्मान कहीं ज्यादा बढ़ गया है। यह बेशुमार बहादुरी, देशभक्ति और हौसले की कहानी है जिसे देश के साथ साझा करने पर मुझे गर्व है। मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि देश के लोग इस स्वतंत्रता दिवस, ज़ी सिनेमा पर पिप्पा देखेंगे।”

मृणाल ठाकुर ने कहा, “पिप्पा की शूटिंग एक बेहतरीन सफर रहा। पूरी टीम की लगन और जुनून ने इस अनुभव को वाकई यादगार बना दिया। 1971 के भारत-पाक युद्ध की घटनाओं को गहराई से समझना और इतिहास के ऐसे महत्वपूर्ण किरदार को निभाना चैलेंजिंग होने के साथ-साथ बेहद फायदेमंद भी रहा। युद्ध के गहन दृश्य, भावनात्मक गहराई और कहानी के ऐतिहासिक महत्व ने मुझ पर गहरा असर किया है। मैं एक ऐसी फिल्म का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं जो हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करती है।”

15 अगस्त को देखिए सैम बहादुर, एक आकर्षक बायोपिक जो महान भारतीय सेना प्रमुख सैम मानेकशॉ की ज़िंदगी और विरासत की कहानी है, जिनका किरदार टैलेंटेड एक्टर विक्की कौशल ने निभाया है। यह फिल्म मानेकशॉ की असाधारण रणनीतिक प्रतिभा और निर्णायक नेतृत्व को उजागर करती है, जो भारतीय सैन्य इतिहास में महत्वपूर्ण पलों के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है। उनके करियर को परिभाषित करने वाले उल्लेखनीय योगदानों को सामने लाते हुए, यह फिल्म 15 अगस्त को सुबह 9:30 बजे ज़ी सिनेमा पर दिखाई जाएगी।

15 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे एस.एस. राजामौली द्वारा निर्देशित ब्लॉकबस्टर फिल्म आरआरआर दिखाई जाएगी, जो अपनी भव्य कहानी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के अद्भुत चित्रण से दर्शकों को आकर्षित कर रहा है। भव्य दृश्यों और एक दमदार कहानी के साथ यह फिल्म अपने प्रमुख किरदारों के वीरतापूर्ण कार्यों को बड़े प्रभावशाली अंदाज़ में सामने लाती है। 15 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे यह ब्लॉकबस्टर प्रस्तुति देखने के लिए तैयार हो जाइए।

“हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद है, जिंदाबाद था, और जिंदाबाद रहेगा!” – हमारे प्यारे तारा सिंह वापस आ गए हैं, अपने देश और अपने परिवार की रक्षा के लिए किसी भी दुश्मन से भिड़ जाने के लिए तैयार हैं क्योंकि ज़ी सिनेमा 15 अगस्त को रात 8 बजे गदर 2 पेश कर रहा है, जो इस रोमांच को कई गुना बढ़ा देगा। सनी देओल और अमीषा पटेल अभिनीत, गदर 2, 1971 के भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित एक मनोरंजक एक्शन ड्रामा है।

इसके बाद फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर है, जो स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर आधारित है, जिनके अटूट हौसले और क्रांतिकारी भावना ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रणदीप हुड्डा द्वारा निर्देशित और उन्हीं के द्वारा अभिनीत इस फिल्म में देश की आज़ादी में वीर सावरकर के योगदान का एक विश्वसनीय चित्रण है। यह फिल्म 15 अगस्त को शाम 4 बजे ज़ी सिनेमा पर अपने विशेष वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के लिए तैयार है।

स्वातंत्र्य वीर सावरकर के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर को लेकर रणदीप हुड्डा ने कहा, “मैंने इस फिल्म पर दो साल तक बहुत मेहनत की है, जो मेरे निर्देशन में बनी पहली फिल्म भी है। इस फिल्म में हमने दिल से मेहनत की है, बेशक इसमें कुछ रुकावटें थीं – चाहे वो लुक ट्रांसफॉर्मेशन हो या रिसर्च – लेकिन फिर भी अंत में हमें कामयाबी मिली। जैसे ही मैंने उनका अध्ययन करना शुरू किया, तो मैंने उनके जैसा दिखने के लिए अपना काफी वजन कम किया। इसके अलावा, मुझे एहसास हुआ कि मैं इस बात के सिवा कितना कम जानता था कि वो काला पानी में चले गए थे। मैंने यह भी जाना कि उनके जीवन और योगदान के कई पहलुओं को न तो स्कूल के पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है और न ही इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा की गई। यह फिल्म वीर सावरकर की विरासत पर प्रकाश डालती है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके बहुमूल्य योगदान को दर्शाती है। सिनेमाघरों में सफल प्रदर्शन के बाद, अब मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर ज़ी सिनेमा के दर्शक‌ ऐतिहासिक महत्व रखने वाली इस दमदार कहानी कहानी से जुड़ेंगे।”

इसके बाद दिखाई जाएगी सूर्या द सोल्जर, जो एक्शन से भरपूर एक ड्रामा फिल्म है, जिसमें एक सैनिक की वीरता और लगन देखने को मिलती है, जिसकी अपने देश के प्रति अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए एक प्रेरणा है। इसमें बेहद टैलेंटेड अल्लू अर्जुन एक प्रभावशाली मुख्य भूमिका में हैं। यह मनोरंजक कहानी अल्लू अर्जुन को एक बहादुर सैनिक के रूप में दिखाती है जो सैन्य जीवन की चुनौतियों और बलिदानों का सामना करता है। रात 11 बजे सूर्या द सोल्जर के साथ इस बेमिसाल मैराथन की समाप्ति होगी। यह एक ऐसी फिल्म है, जिसमें बेहद दिलचस्प निजी कहानी के साथ-साथ धमाकेदार एक्शन का शानदार मिश्रण है।