सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया उदघाटन, उत्तराखंड में खुला पहला बाल मित्र पुलिस थाना

देहरादून। बीता साल भले ही कोरोना की भेंट चढा हो, लेकिन इस साल के शुरुआत से ही उत्तराखंड सरकार जन सरोकार से जुडे मसले पर लगातार काम करती दिख रही है। कुछ ही दिनों में विश्वप्रसिद्ध कुंभ के आयोजन के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है तो आज राज्य पुलिस की ओर से नया कदम उठाया गया। इसके तहत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को राजधानी देहरादून के थाना डालनवाला में प्रदेश के प्रथम बाल मित्र पुलिस थाने की शुरूआत की।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेद सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में बाल मित्र थाने को खोले जाने को एक नई शुरूआत बताते हुए कहा कि यह पुलिस का एक महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को जिस माहौल में ढ़ाला जाए, वे उस माहौल में ढ़ल जाते हैं इसलिए उन्हें बेहतर माहौल मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बाल मित्र पुलिस थाने से लोगों को ये लगे कि बच्चों के संरक्षक आ रहे हैं।

बता दें कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक करोड़ रू के राहत कोष की वयवस्था करने की घोषणा भी की। सीएम कहा कि अनजाने में अपनी दिशा से भटक जाने वाले बच्चों को इन थानों के माध्यम से सही दिशा देने के प्रयास किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निराश्रित बच्चों के लिए सरकारी सेवाओं में पांच प्रतिशत तथा दिव्यांगजनों के लिए भी चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि पुलिस के सहयोग से प्रदेश के सभी 13 जिलों में बाल मित्र पुलिस थाने खोले जायेंगे। इन थानों में बच्चों की काउंसलिग की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस विभाग को 13 लाख रूपये दिये जायेंगे। बाल मित्र पुलिस थाना को एक नई मुहिम बताते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस का प्रयास है कि हर थाने को महिलाओं एवं बच्चों के अनुकूल बनाया जाए । उन्होंने कहा कि बाल मित्र थानों के जरिए बच्चों के मन में पुलिस के प्रति भय दूर होगा।