नई दिल्ली। बीते कुछ समय से महंगाई लगातार बढती जा रही है। लोगों का जीना मुहाल हो गया है। एक ओर कोरोना तो दूसरी ओर महंगाई। केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर हाल के कुछ दिनों से विपक्षी दल कांग्रेस मुखर हो हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदाी को पत्र लिखा तो कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार सरकार की नीतियों और विफलताओं की आलोचना कर रहे हैं। कोरोना और महंगाई पर केंद्र सरकार की आलोचना जैसे ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने करना शुरू किया, उसके बाद राज्य ईकाई भी सक्रिय दिखाई पड रही है।
शनिवार को छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस (Congress )ने महंगाई के विरोध में धरना दिया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सरसों तेल की शीशी की माला पहनकर प्रदर्शन में शामिल हुए। वैसे, यह अलग बात है कि वर्तमान में छत्तीसगढ में कांग्रेस की ही सरकार है। भूपेश बघेल मुख्यमंत्री के रूप में जनहित से जुडे बेहतर निर्णय ले रहे हैं।
महंगाई को लेकर आयोजित धरना प्रदर्शन के संदर्भ में छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर (Dhananjay Thakur) ने बताया कि महंगाई के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर राज्य में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आज धरना दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए अपने घरों के सामने बैठकर मोदी सरकार के खिलाफ धरना दिया और महंगाई कम करने की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने सरसों तेल की सीसी की माला पहनकर अपने निवास स्थान बस्तर बाड़ा के सामने धरना दियाए। इस दौरान मरकाम ने कहा कि 100 दिनों में महंगाई कम करने का वादा कर सत्ता में आए भाजपा की सरकार ने देश की जनता का जीना दूभर कर दिया है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस कांग्रेस शासनकाल की अपेक्षा दोगुनी कीमत पर मिल रहा है। खाद्य सामग्री के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
धरना प्रदर्शन के दौरान मोहन मरकाम ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान देश में पेट्रोल 70 रूपए लीटर और डीजल 60 रुपए लीटर में मिलता था एवं रसोई गैस की कीमत 400 रूपए थी जबकि मोदी सरकार के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत प्रति बैरल 68 डॉलर से भी कम है, इसके बावजूद देश की जनता को पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस खरीदी दर से दोगुनी कीमत में मिल रहा है। इसके पीछे मोदी सरकार की गलत नीतियां और उनके चंद पूंजीपतियों मित्रों की मुनाफाखोरी है।